NEW DELHI NEWS: छठ गीतों से अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाली बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा ने नहाय-खाय ने दिन इहलोक को छोड़कर परलोक सिधार गयी। लंबे समय से कैंसर से जूझ रही शारदा सिन्हा पिछले एक हफ्ते से दिल्ली AIIMS में भर्ती थीं। जहां मंगलवार की रात करीब 9:20 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। इसी के साथ ही बिहार की प्रसिद्ध गायकी की एक सदी का अंत हो गया । इस घटना से ठीक पहले दिन में शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने बताया था कि उनकी हालत बिगड़ गई है और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है। उन्होंने ये भी कहा था कि उनकी हालत खराब है डॉक्टर्स लगातार कोशिश कर रहे हैं।
छठ गीत और शारदा सिन्हा एक दूसरे की पर्याय थी
पद्म भूषण शारदा सिन्हा ने भोजपुरी और मैथिल गीतों को एक नई ऊचाई दी थी। हिन्दी फ़िल्मों के लिए भी कई महत्वपूर्ण गीत गई थीं परंतु उनकी प्रसिद्धि का आधार उनके गाये छठ पूजा के गीत थे। जो बिहार में एक दूसरे का पर्याय माना जाता है। यह महज संयोग ही कहा जाए उन्होंने छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय को ही इस दुनिया को अलविदा कहा है।
शारदा सिन्हा के बेटे ने वेंटिलेटर पर हालत नाजुक होने की दी थी खबर
आज दिन से ही उनके निधन की ख़बरें सोशल मीडिया पर चल रही थी, जिसका खंडन भी किया गया। कैंसर से जूझ रही शारदा सिन्हा कई दिनों से AIIMS में भर्ती थी, जहाँ 4 नवंबर की शाम से हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वार्ड से वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। बेटे अंशुमन सिन्हा ने 5 नवंबर की दोपहर बताया था कि उनकी हालत नाजुक है। वह ICU में हैं, जिन्हें डॉक्टर्स देख रहे हैं। बेटे के मुताबिक, उनकी मां से बात भी हुई थी। उन्हें इस बात की उम्मीद थी कि मां ठीक हो जाएंगी। वहीं, ‘आज तक’ से हुई बातचीत में बताया था कि इस बार ये सच्ची खबर है, मां वेंटिलेटर पर हैं। उन्होंने कहा था, ‘मैंने अभी कन्सेंट साइन किया है, प्रार्थना करते रहिए। मुश्किल है, काफी मुश्किल है, इस बार काफी मुश्किल है।’ उन्होंने लोगों से शारदा सिन्हा के लिए दुआ करने की कामना की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अंशुमन सिन्हा से पद्म भूषण शारदा सिन्हा की तबियत को लेकर फोन पर बात की थी।