Jharkhand news : गत दिनों हजारीबाग केंद्रीय कारा के गार्ड निर्मल एक्का और उसकी पत्नी रश्मि मोनिका सनमानी की हुई हत्या की गुत्थी चाईबासा पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस ने इस दोहरे हत्याकांड के आरोप में बाप-बेटा समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले के घोर नक्सल प्रभावित सोनुवा थाना अंतर्गत देवाबीर निवासी रामराई सुरीन, उसका बेटा मंगता सुरीन और सहयोगी झींकपानी थाना अंतर्गत केलेंडे निवासी बुधन सिंह संवैया है। हत्यारोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी, मृतकों का मोबाइल और घटना में प्रयुक्त सियाज कार की बरामदगी की है। चाईबासा के एसपी आशुतोष शेखर ने मीडिया से हत्याकांड की परत दर परत कहानी साझा की।
हत्या के मामले में जेल में बंद रामराई से हुई थी गार्ड निर्मल की दोस्ती, लिए थे साढ़े पांच लाख रुपये कर्ज
दरअसल, रामराई सुरीन वर्ष 2012 से सोनुवा व परसुडीह थाना क्षेत्र के एक हत्याकांड में मंडल कारा, हजारीबाग में सजायाफ्ता कैदी के रूप में सजा काट रहा था। इसी दौरान इसकी दोस्ती मंडल कारा में गार्ड के रूप में तैनात हजारीबाग निवासी सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी निर्मल एक्का से हुई। निर्मल एक्का ने रामराई से पैसे उधार लिए थे। निर्मल ने रामराई से कहा था कि उसने जमीन ली है इसलिए पैसे की जरूरत है। तुम्हारा खर्च जेल की कैंटीन से चल रहा है। पैसे देते रहो, मैं बाद में वापस कर दूंगा। वर्ष 2021 से 2024 के बीच लगभग साढ़े पांच लाख रुपये रामराई ने निर्मल एक्का को दिए थे। बाद में निर्मल एक्का से रामराई ने पैसे वापस मांगे तो निर्मल एक्का ने अपनी सियाज कार रामराई को ले जाने को कहा।
नौ अक्टूबर को जमानत पर हजारीबाग जेल से छूटा था रामराई, निर्मल ने कहा था नहीं दूंगा बकाया
पुलिस के अनुसार रामराई नौ अक्टूबर को जमानत पर हजारीबाग जेल से छूटा था। इसके बाद वह निर्मल की गाड़ी को लेकर अपने गांव देवावीर आ गया। एक दिन रामराई ने निर्मल एक्का को फोन कर कहा कि तुम्हारी कार का आगे का हिस्सा टूटा हुआ है, जिस पर निर्मल ने कहा कि गाड़ी नहीं लोगे तो मैं अपनी गाड़ी वापस ले लूंगा और पैसे भी नहीं दूंगा। इसके बाद रामराई ने निर्मल को जान से मारने की योजना बना डाली। इस बीच 17 दिसंबर को निर्मल अपनी सियाज कार रामराई से वापस लेने के लिए अपनी पत्नी रश्मि मोनिका सनमानी के साथ बस से चाईबासा पहुंचा। चाईबासा बस स्टैंड पर रामराई सुरीन ने दोनों को अपने सहयोगियों की मदद से रिसीव किया और देर रात तक दोनों को इधर-उधर घुमाने के बाद अन्य अपने साथी बुधन सिंह सवैया के ग्राम केलेंडे स्थित आवास पर रखा। केलेंडे में दो दिन रखने के बाद 19 दिसंबर शाम रामराई ने निर्मल व उसकी पत्नी को कार में बिठाकर चक्रधरपुर तक छोड़ने की बात कही। इसके बाद सभी कार से निकल पड़े। हत्या की नीयत से रामराई ने पहले से ही गाड़ी की डिक्की में कुल्हाड़ी रख लिया था। रामराई अपने सहयोगी बुधन सवैया और अपने पुत्र मांगता सुरीन के साथ दोनों को कार से बरकेला के रास्ते जंगल में ले गया।
पहले पूर्व सैन्यकर्मी निर्मल का गला काटा, अगले दिन पत्नी को भी मार डाला
रास्ते में रामराई सुरीन ने शौच करने के बहाने गाड़ी से उतरकर डिक्की से कुल्हाड़ी निकाली और निर्मल को गिराकर कुल्हाड़ी से गला काटकर हत्या कर दी। इसके बाद उसके शव को गाड़ी की डिक्की में रखकर चक्रधरपुर थाना के उटुटुवा जंगल में सिर और धड़ को अलग-अलग जगह फेंक दिया। दूसरे दिन 20 दिसंबर को रामराई ने निर्मल की पत्नी रश्मि मोनिका सनमानी की भी हत्या चाईबासा से सटे आचू में कर दी। इसके बाद आचू में उसका शव फेंककर गाड़ी को बुधन सिंह सवैया के घर पर रख दिया। वहां से सभी मोटरसाइकिल से अपने-अपने घर चले गए। चार डीएसपी, तीन थाना प्रभारी समेत 14 पुलिस अधिकारियों की टीम ने ह्त्या कांड का उद्भेदन किया।