Kolkata news : पश्चिम बंगाल में आनलाइन धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गुरुवार सुबह कई स्थानों पर शुरू हुई छापेमारी की कार्यवाही शाम तक जारी थी। चेन्नई में दर्ज एक शिकायत के आधार पर यह छापेमारी की जा रही है, जिसमें हजार करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, जांच में पता चला कि इस धोखाधड़ी के रैकेट का जाल पूर्वी भारत के कई राज्यों, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में फैला हुआ है। इसी के चलते ईडी ने यह छापेमारी शुरू की। इस समय राज्य के 08 स्थानों पर छानबीन की जा रही है, जिनमें 05 कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में है। छापेमारी के दौरान ईडी की टीमें केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों की सुरक्षा में हैं।
पॉल राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रैकेट का हिस्सा
कार्रवाई की शुरुआत कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके साल्ट लेक में स्थित गैरेज से हुई, जहां कथित तौर पर धोखाधड़ी का संचालन होता था। वहां से ईडी ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया और रघुनाथपुर के एक पॉश हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में व्यवसायी सदानंद झा के फ्लैट पर छापेमारी की। जांच में खुलासा हुआ कि हाल ही में कोलकाता पुलिस ने 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में तन्मय पॉल नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि पॉल एक राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रैकेट का हिस्सा था और उसने करीब 300 लोगों को ठग कर 60 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की। ईडी ने इस मामले की जांच शुरू करते हुए गुरुवार को यह छापेमारी की।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में पश्चिम बंगाल में साइबर धोखाधड़ी के कई मामले सामने आये हैं। इनमें से अधिकांश मामलों में धोखेबाज खुद को केन्द्रीय जांच एजेंसी या राज्य पुलिस के साइबर अपराध विभाग के अधिकारी बता कर लोगों से लाखों रुपये वसूलते और गिरफ्तारी की धमकी देते थे। जांच और छापेमारी अभी भी जारी है।