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संभल पर दंगल : सपा नेताओं को जाने से रोका

संभल पर दंगल : सपा नेताओं को जाने से रोका

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सांसद और विधायक हिरासत में, कई नेता हाउस अरेस्ट

संभल में निषेधाज्ञा, गाजियाबाद से लखनऊ तक हलचल

मारे गए लोगों के परिवार को पांच पांच लाख देगी सपा

UP news : संभल में हालात अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी के शुक्रवार रात एक प्रतिनिधिमंडल भेजने के ऐलान के बाद संभल हिंसा का 7वें दिन अचानक शनिवार को सियासी सरगर्मी तेज हो गई। प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय समेत पांच सांसद और चार विधायकों के नाम हैं।

इसके तुरंत बाद देर रात को संभल में जिलाधिकारी ने धारा-163 लागू कर दी है। यानी, अब पांच लोग बिना अनुमति के इकट्‌ठा नहीं हो सकेंगे। निषेधाज्ञा लागू होते ही शुक्रवार रात में ही नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर फोर्स तैनात कर दी गई। सपा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल को उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया। मुरादाबाद में सपा विधायक पिंकी यादव समेत 10 नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। बरेली में सौ से ज्यादा सपा कार्यकर्ताओं को पकड़ लिया गया। हापुड़ में कैराना सांसद इकरा हसन को पुलिस ने रोक लिया। ये सभी पुलिस को चकमा देकर संभल जाने की कोशिश कर रहे थे।

संभल सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और मुजफ्फरनगर सांसद हरेंद्र मलिक को गाजियाबाद में हिंडन एलिवेटेड पुल पर रोक दिया गया।

मुरादाबाद में सपा सांसद रुचि वीरा ने कहा- उन्हें प्रदेश अध्यक्ष ने मैसेज दिया है कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल में पार्टी डेलीगेशन भेजने का फैसला फिलहाल टाल दिया है। सपा का डेलीगेशन संभल जाएगा जरूर, लेकिन उसके लिए अलग से तारीख घोषित करेंगे।

संभल में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार वालों को समाजवादी पार्टी पांच-पांच लाख रुपए देगी। इसे लेकर सपा ने एक्स पर पोस्ट भी किया है। मुरादाबाद से सपा सांसद रुचि वीरा ने कहा है कि हमारी प्रदेश सरकार से मांग है कि हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए दे।

मुरादाबाद पुलिस ने संभल जाने की कोशिश कर रही सपा की सांसद रूचि वीरा को हाउस अरेस्ट किया है। उनके घर पर सपा के कई नेता मौजूद हैं। पुलिस सुबह से ही सिविल लाइंस स्थित सपा सांसद के आवास पर तैनात थी।

मुरादाबाद के कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह ने सपा नेताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद कहा-नेताओं को संभल जाने से मना किया गया है। क्योंकि, इनके जाने से वहां के हालात एक बार फिर से खराब होने की आशंका है। सभी से अनुरोध किया गया है। इसके बाद भी कोई जाने की कोशिश करेगा, तो हम सभी विधिक कदम उठाएंगे। उसी के तहत कुछ लोगों को डिटेन और हाउस अरेस्ट भी किया गया है।

उधर हापुड़ के दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर स्थित टोल टैक्स पर कैराना की सपा सांसद इकरा हसन को भी पुलिस ने रोक दिया। सपा ने दावा किया कि प्रतिनिधिमंडल के संभल जाने से योगी सरकार डर गई है। भाजपा संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है।

प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फसाद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए, तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता। भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देती है, वैसा ही संभल में भी करना चाहिए। किसी की जान लेने का मुकदमा भी चलना चाहिए। भाजपा हार चुकी है।

– अखिलेश यादव, सपा प्रमुख

संभल में जो घटना घटी है, वह समाजवादी पार्टी के लोगों ने की है। घटना में जो लोग शामिल हैं, वह सब लोग सपा के कार्यकर्ता हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव पहले अपने गिरेबान में झांकें।

 -बृजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री उ.प्र.

सपा वाले हमेशा धरने पर बैठते रहते हैं। उनके धरने को कौन नोटिस में लेता है। जहां उनकी इच्छा होती है, वहीं धरने पर बैठ जाते हैं, उनका आईना ही दूसरा है।

-सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री उ.प्र.

सपा संभल में दंगा कराना चाहती है। वहां शांत माहौल बन रहा है, तो अपना प्रतिनिधमंडल भेजने का कोई मतलब नहीं है। अखिलेश यादव तो उधार के नेता हैं।

 -आचार्य प्रमोद कृष्णम, धर्मगुरु व पूर्व कांग्रेसी नेता

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