Lucknow news, UP news : लखनऊ में आरपीएफ जवानों ने साइंटिस्ट को घसीटते हुए ट्रेन से उतार दिया। थाने ले गए और जमकर पिटाई की। उनकी गलती थी कि उन्होंने कोच में कूलिंग ज्यादा होने की शिकायत डीआरएम से कर दी थी। रविवार को रेलवे कोर्ट से जमानत मिलने पर उन्हें छोड़ा गया। पीड़ित साइंटिस्ट का कहना है कि आरपीएफ जवानों ने उन्हें ट्रेन से बाहर फेंकने की भी धमकी दी थी। यह वाकया पटना से कोटा जाने वाली ट्रेन पटना कोटा एक्सप्रेस का है।
थर्ड एसी में वाराणसी से मथुरा जा रहे थे साइंटिस्ट
स्वास्थ्य मंत्रालय में पब्लिक हेल्थ रिसर्चर (साइंटिस्ट) अनंत पांडेय शनिवार की रात थर्ड एसी की बोगी बी-6 में वाराणसी से मथुरा जा रहे थे। कूलिंग काफी तेज होने पर अनंत और अन्य यात्रियों ने रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर शिकायत की। अनंत पांडेय ने बताया कि टीटीइ से कंप्लेन बुक मांगी, लेकिन उसने नहीं दिया और कहा कि कुछ नहीं होता है, जो करना हो कर लो।
नाराज यात्रियों ने अकबरपुर में दो बार चेन-पुलिंग कर दी। इसके बाद आरपीएफ जवान जेएस बिष्ट कोच में आए। यात्रियों से पूछा कि चेन-पुलिंग किसने की? वह यात्रियों से अभद्रता करने लगा। अनंत पांडेय ने बताया कि मैं उसकी हरकतों का वीडियो बनाने लगा, तो जेएस बिष्ट ने कहा कि तू हीरो बन रहा है, तुझे बाहर फेंक दूंगा। जान से मार दूंगा। इसके बाद रात 8.40 बजे लखनऊ के डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा के सोशल मीडिया अकाउंट पर शिकायत दर्ज कराई।
आरपीएफ जवान जेएस बिष्ट ने मेरा कंबल खींच लिया
अयोध्या में कॉमर्शियल और पुलिस अधिकारी आए। सभी को शांत कराया। ट्रेन रात 11.30 बजे लखनऊ पहुंची। तब सभी लोग सो रहे थे। आरपीएफ जवान जेएस बिष्ट ने मेरा कंबल खींच लिया। उसके साथ कई पुलिस वाले थे। वे लोग मुझे खींचते हुए ले गए और ट्रेन से प्लेटफार्म पर उतार दिया।
अनंत पांडेय ने बताया कि आरपीएफ मुझे थाने ले गए और पिटाई की। पेट पर डंडे से मारा। फोन चेक करने लगे। चेन-पुलिंग करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस बीच मैंने मंत्रालय में अपने दोस्त को फोन किया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों फोन किया। फिर रविवार सुबह 4 बजे रेलवे कोर्ट से जमानत मिलने पर मुझे छोड़ा गया।
इस मामले में आरपीएफ कमांडेंट उत्तर रेलवे देवांश शुक्ल ने बताया कि पटना-कोटा एक्सप्रेस से आ रहे यात्री अनंत पांडेय ने मल्टीपल टाइम चेन-पुलिंग कर ट्रेन को रोका। यह अपराध है। इसके चलते 20 ट्रेनों पर असर पड़ा। उन्होंने आई-कार्ड मांगने पर भी नहीं दिखाया। इस पर उन्हें चारबाग में उतारा गया। चेन-पुलिंग की धारा- 141 में मामला दर्ज कराया गया। आरपीएफ जवानों ने किसी प्रकार की मारपीट नहीं की, आरोप बेबुनियाद हैं।