Jodhpur News: गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार काे देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जाेधपुर में पहली मूर्ति का अनावरण किया। सर्किट हाउस के बाहर आयाेजित विशेष समारोह में उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जोधपुर से गहरा नाता रहा है। अगर वह नहीं होते, तो आज शायद जोधपुर पाकिस्तान का हिस्सा होता। यह भी सच है कि अगर सरदार पटेल नहीं होते, तो देश की रियासतों का एकीकरण भी सम्भव नहीं था। उन्होंने ही गुजरात सहित राजस्थान की जोधपुर जैसी रियासतों का भारत में विलय कराया था। साथ ही, जोधपुर के एयरवेज को रणनीतिक रूप से विकसित कराया और यहां के महाराज को विलय के लिए राजी कराया।
सरदार पटेल के साथ किसी ने भी न्याय नहीं किया
उन्हाेंने कहा कि यह भी हकीकत यह है कि सरदार पटेल के साथ किसी ने भी न्याय नहीं किया। भाजपा के शासन से पहले उन्हें सम्मान नहीं मिला। कांग्रेस पार्टी में एक ही परिवार को सम्मान दिया गया, जबकि सरदार पटेल ने देश के स्वाधीन होने के समय चर्चिल की भारत के खंड-खंड होने की भविष्यवाणी को गलत साबित किया। गृहमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने सोमनाथ का मंदिर बनवाया था। उस समय उन्होंने कहा था कि देश के सभी तीर्थ स्थलों व मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जायेगा, लेकिन कांग्रेस की मानसिकता के चलते 75 साल तक अयोध्या में मंदिर नहीं बन सका। सरदार पटेल धारा 370 के खिलाफ थे। वह कॉमन सिविल कोड लागू करना चाहते थे। उनके अधूरे कार्यों को मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में पूरा किया है। आज धारा 370 का अस्तित्व खत्म हो चुका है। कश्मीर आज भारत का अभिन्न अंग बन गया है। कॉमन सिविल कोड उत्तराखंड में लागू हो चुका है। आज संसार का सबसे बड़ा स्मारक उनके नाम का है।
समाराेह में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, मंत्री जोगाराम पटेल समेत स्थानीय विधायक व पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए।