Dhanbad news, Jharkhand news : बीसीसीएल प्रबंधन का दावा है कि झरिया में भूमिगत आग के दायरे में काफी कमी आई है। कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण 1971-72 में झरिया की आग का दायरा 17.32 किमी वर्ग किमी था, जो 2021 में घटकर 1.80 किमी हो गया है। दावा यह भी कि 2024 में इसमें और कमी आई होगी, जो कि एनआरएससी की रिपोर्ट आने के स्पष्ट होगी। आग वाले स्थानों को डी कोल किया जा रहा है। साथ ही ट्रेंच कटिंग भी की गई है, जिससे आग का फैलाव होने में कमी आई है। फायर कंट्रोल के लिए किए गए उपायों के परिणामस्वरूप अग्नि प्रभावित क्षेत्र का दायरा काफी कम हो गया है। प्रबंधन ने यह दावा झरिया मास्टर प्लान को लेकर पीएमओ के कैबिनेट सचिव की ओर से गठित हाई पावर कमेटी के सदस्यों की धनबाद दौरे के क्रम में शनिवार यानी कि 21 दिसंबर 2024 को किया।
अभी भी 81 अति खतरनाक क्षेत्र, जहां रह रहे हैं 15,080 परिवार
मास्टर प्लान जब लागू हुआ था, तब 77 साइटों पर फायर प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। बाद में इसकी संख्या बढ़ती चल गई। सर्वे के बाद 595 स्थानों पर आग है। इसमें 81 अति खतरनाक क्षेत्र हैं। झरिया अग्नि प्रभावित 81 अति खतरनाक क्षेत्र में 15,080 परिवार रह हैं। इसमें कुछ बीसीसीएल के पार्ट हैं, जहां से 649 में करीब 275 कर्मचारियों को शिफ्ट किया गया है। उच्च सूत्र बताते हैं कि 15,080 परिवार को हटाने में करीब 6691.20 का बजट रखा गया है। इसकी भी जानकारी रिपोर्ट में दी गई है।
समस्या सुलझाने को पीएमओ के कैबिनेट सचिव ने गठित कर रखी है हाई पावर कमेटी
झरिया मास्टर प्लान को लेकर पीएमओ के कैबिनेट सचिव की ओर से गठित हाई पावर कमेटी सदस्यों ने अग्नि प्रभावित क्षेत्र ऐना, बस्ताकोला, गोंदूडीह, बेलगड़िया, करमाटाड़ सहित कई क्षेत्रों को दौरा शनिवार को किया। विस्थापितों के लिए बने आवास, कौशल विकास केंद्र सहित अन्य स्थिति का अवलोकन करने के बाद बीसीसीएल व झरिया पुनर्वास प्राधिकार के अधिकारियों से टीम ने जानकारी ली। स्थानियों लोगों से सीधे संवाद भी किया। लोगों ने रोजगार, सामुदायिक विकास सहित अन्य संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की।