Health news, Lifestyle : लोग कहते हैं कि सत्य बड़ा कड़वा होता है। सत्य कड़वा होता है, इसलिए जीवन का आधार बने तो जीवन महान बन जाता है। ठीक इसी तर्ज पर सेहत को देखिए तो इसे मजबूत बनाए रखने के लिए मनुष्य को बहुत कुछ वैसा करना पड़ता है, जो वह करना नहीं चाहता है। खाने में भी मीठा-मीठा सबको ज्यादा अच्छा लगता है, कड़वा से लोग दूर भागते हैं। लेकिन, चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में हमारे देश का आयुर्वेद कुछ और कहता है। आयुर्वेद किसी भी बीमारी की जड़ में उसे जाकर मिटता है और उसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
प्राकृतिक रूप से नियमों का पालन और नीम का महत्व
यदि हम प्राकृतिक तौर पर कुछ नियमों का पालन करें और खान-पान को सुव्यवस्थित रखें तो बीमारियों के आक्रमण से दूर रह सकते हैं। अब किसी को चिरायता या नीम की पत्तियों को खाने को कहा जाए तो उसे अच्छा नहीं लगेगा, लेकिन अगर वह उसके महत्व को समझ ले और सही समय पर अपने जीवन में नियमित रूप से इस्तेमाल करे तो बहुत सी बीमारियां उसके पास फटकने का नाम नहीं लेंगीं। तो चलिए, हम जानते हैं- नीम की पत्तियों का शरीर और स्वास्थ्य के लिए महत्व को।
खाली पेट चबाइए, कंट्रोल में रहेगा बीपी
जरा याद कीजिए, संयुक्त राष्ट्र ने नीम के पेड़ को 21 वीं सदी का वृक्ष क्यों घोषित किया है। सच्चाई यह है कि अगर आप खाली पेट नीम की पत्तियों का सेवन करते हैं या फिर इन्हें पानी में उबाल कर नमक के साथ खाते हैं, तो आपको अपने शरीर से कई बीमारियां दूर हो जाएंगे। ब्लड शुगर को कंट्रोलकरने में मदद तो मिलेगी ही साथ ही आपका खून भी साफ होगा। नीम के पत्तों में azadirachtolide नाम का तत्व होता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।
हर प्रकार के इंफेक्शन से लड़ने में सक्षम
नीम की पत्तियों में एंटीबायोटिक गुण पाया जाता है इसलिए इनका नियमित सेवन करने से शरीर में होने वाले किसी भी प्रकार के संक्रमण के पहले यह रोकते हैं या संक्रमण होने पर उन्हें कंट्रोल करने में मदद करते हैं। नीम की ब्लड प्यूरीफायर, एंटी बैक्टीरियल, एंटी ऑक्सीडेंट खूबियां इसे एक्जिमा, सोरायसिस जैसे अनेक त्वचा विकारों में फायदेमंद बनाती है। इसमें मौजूद पित्तनाशक गुण एसिडिटी में बेहद उपयोगी होते हैं और आप सुबह खाली पेट पानी में नीम की पत्तियां उबालकर पीने से कब्ज, पेट दर्द, आंतो में मौजूद कीड़ों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।