New Delhi news : भारतीय जनता पार्टी की सांसद बांसुरी स्वराज की मानें तो विपक्षी दलों के भीतर कई सक्षम नेता हैं, जो विपक्ष के नेता की भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि यह निर्णय आईएनडीआइए गठबंधन का आंतरिक मामला है। बहरहाल, बीजेपी के इस दावे के बारे में विपक्षी दलों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
10 प्रतिशत सीटों वाले सबसे बड़े विपक्षी दल के सांसद ही चुने जा सकते हैं नेता प्रतिपक्ष
राजनीति के दिग्गज और संविधान विशेषज्ञों की राय और स्थापित नियमों की बात करें तो कम से कम 10 प्रतिशत सीटों वाले सबसे बड़े विपक्षी दल के सांसद को ही नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया जा सकता है। इस दृष्टि से देखें तो कांग्रेस सदन में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है। ऐसे में
राहुल गांधी को सर्वसम्मति से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है। पार्टी के हिसाब से यह सही है, परंतु जहां तक इस पद पर राहुल गांधी को बिठाने या नहीं बिठाने की बात है, यह विचारणीय है।
प्रतिपक्ष की भूमिका और उसे रोटेशनल बनाने के करना चाहिए विचार
बहरहाल, भाजपा सांसद की यह टिप्पणी उस समय आई, जब उनसे लोकसभा में प्रतिपक्ष पद को रोटेशनल बनाने की संभावना के बारे में पूछा गया। बांसुरी ने कहा, “हां! मैंने भी सुना है कि प्रतिपक्ष के पद को रोटेशनल बनाने की बात चल रही है, लेकिन यह पूरी तरह विपक्ष यूं कहें आईएनडीआईए का मसला है। यह भी कहा कि गठबंधन को प्रतिपक्ष की भूमिका के बारे में अपने विकल्पों पर विचार करना चाहिए।
अगर गठबंधन को लगता है कि राहुल गांधी अपनी जिम्मेदारी पूरी लगन से नहीं निभा पा रहे हैं तो उन्हें ऐसा फैसला लेना चाहिए।