Imphal News: कांग्रेस ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन द्वारा राज्य में हिंसक घटनाओं के लिए माफी मांगने को नाकाफी बताते हुए इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मणिपुर का दौरा करने और वहां के हालात के लिए माफी मांगने का आग्रह किया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि हिंसा शुरू होने के 19 महीने बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन वीरेन ने अपनी चुप्पी तोड़ी। 03 मई 2023 को मणिपुर जलने लगा। तब से बेइंतहा हिंसा हुई। सैकड़ों लोग मारे गये और हजारों लोग विस्थापित हुए। आज सीएम ने क्या कहा, यह मायने नहीं रखता। मायने यह रखता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर पर अब तक अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है। मोदी ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को मणिपुर का जिम्मा दिया है, जिन्होंने 17 दिसम्बर 2024 को राज्यसभा में बाबा साहेब आम्बेडकर का अपमान किया।
“मणिपुर मुख्यमंत्री कठपुतली,असली जिम्मेदार प्रधानमंत्री मोदी हैं“
कांग्रेस नेता ने कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री तो महज कठपुतली हैं। असली जिम्मेदार तो प्रधानमंत्री मोदी हैं। यह प्रधानमंत्री की विफलता है। प्रधानमंत्री को फौरन मणिपुर जाना चाहिए। मणिपुर की जनता पूछ रही है कि प्रधानमंत्री क्यों मणिपुर नहीं जा रहे हैं? वह वहां जायें और माफी मांगें। मुख्यमंत्री ने जो माफी मांगी है, वह उनका कर्तव्य है। रिलीफ कैम्प स्थापित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मणिपुर में संवैधानिक मशीनरी का ब्रेकडाउन हो चुका है। इसलिए हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर जाना चाहिए। वहां के राजनीतिक दलों से नेताओं से मिलना चाहिए। रिलीफ कैम्प में जाना चाहिए। नागरिक संस्थाओं से मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री पद से एन वीरेन को हटाना चाहिए। वहां के बारे में आज मुख्यमंत्री ने जो कहा, वह कोई खास मायने नहीं रखता। वहां प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जाना चाहिए और अपनी बात कहनी चाहिए।
गौरतलब है कि मंगलवार को इंफाल में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री सिंह ने राज्य में चल रहे संकट पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘यह पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। मैं पिछले साल 03 मई से आज तक जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए राज्य के लोगों से माफी मांगना चाहता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। कई लोग अपने घर छोड़ कर चले गये। मुझे खेद है। मैं माफी मांगता हूं।’