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स्वदेशी तोप के-9 वज्र टी से कांप जाएगा दुश्मन का कलेजा

स्वदेशी तोप के-9 वज्र टी से कांप जाएगा दुश्मन का कलेजा

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एलएंडटी के साथ ₹ 7,628.70 करोड़ के करार पर हस्ताक्षर

New Delhi news : भारतीय सेना की ताकत को और मजबूती देने के क्रम में रक्षा मंत्रालय सेना के लिए 155 मिमी/52 कैलिबर की के-9 वज्र टी सेल्फ-प्रोपेल्ड ट्रैक्ड तोप की खरीद करेगा। इसके लिए लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ ₹ 7,628.70 करोड़ के करार पर हस्ताक्षर किया गया।

रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि यह खरीद भारतीय श्रेणी के तहत की जाएगी। अनुबंध पर मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और एलएंडटी के प्रतिनिधियों ने रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए।

के-9 वज्र-टी की खरीद से तोपखाने के आधुनिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय सेना के ऑपरेशन को नई धार मिलेगी। यह तोप अपनी क्रॉस-कंट्री गतिशीलता के साथ भारतीय सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी। इससे सटीकता के साथ गहराई से हमला करना संभव होगा और इसकी घातक मारक क्षमता सभी इलाकों में तोपखाने की क्षमता को बढ़ाएगी। अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह तोप लंबी दूरी तक बेहद सटीकता और उच्च दर से घातक फायर करने में सक्षम है। यह काफी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शून्य से नीचे के तापमान में अपनी पूरी क्षमता से काम करने में सक्षम होगी।

यह प्रोजेक्ट 4 साल के दौरान 9 लाख से अधिक मानव दिवसों का रोजगार पैदा करेगा। साथ ही, एमएसएमई सहित विभिन्न भारतीय उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहन मिलेगा। यह परियोजना ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल के तहत ‘आत्मनिर्भर भारत’ का गौरवशाली ध्वजवाहक होगी।

दूसरी ओर, भारतीय नौसेना का रूस निर्मित युद्धपोत आईएनएस तुशील रूस के कलिनिनग्राद से भारत के लिए रवाना हो गया है। इस युद्धपोत को 9 दिसंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में कलिनिनग्राद में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। रूसी और भारतीय अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के मिश्रण वाले इस पोत की लंबाई 125 मीटर और वजन 3900 टन है। इस युद्धपोत से हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। हिंद महासागर में पिछले कुछ वर्षों के दौरान चीन की पीएलए नौसेना की सक्रियता बढ़ी है।

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