Ranchi news :कोयला कारोबारी सुरेश सिंह हत्याकांड के एकमात्र चश्मदीद गवाह देवेंद्र सिंह को बॉडीगार्ड न देने पर झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में 10 जनवरी 2025 तक झारखंड सरकार को हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करना है। हाईकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने देवेंद्र सिंह के अधिवक्ता के दलीलों को सुनने के बाद उपर्युक्त आदेश दिया।
कोरोना काल में पुलिस ने वापस ले लिया था अंगरक्षक
इसके पहले देवेंद्र सिंह ने 2013 में भी बॉडीगार्ड देने के मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में रिट पीटिशन दाखिल किया था। उसी रिट पर सुनवाई करते हुए देवेंद्र के अधिवक्ता सौमित्र बरोई ने कोर्ट को बताया कि 15 जुलाई 2016 को कोर्ट ने देवेंद्र सिंह को पर्याप्त सुरक्षा देने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर ही देवेंद्र सिंह को अंगरक्षक दिया गया था। लेकिन कोरोना काल में पुलिस ने उनसे अंगरक्षक को वापस ले लिया। इसके बाद देवेंद्र सिंह ने एसएसपी को पत्र लिख कर कई बार बॉडीगार्ड देने की मांग की, लेकिन उन्हें बॉडीगार्ड नहीं मिला।
वकील ने कहा- फरार शशि सिंह से है जान का खतरा
देवेंद्र सिंह की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि सुरेश सिंह की हत्या का मुख्य आरोपी शशि सिंह अभी भी फरार है। वर्षों बीत जाने के बाद भी शशि सिंह पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। शशि सिंह से देवेंद्र सिंह को जान का खतरा बना हुआ है। अदालत ने देवेंद्र सिंह के अधिवक्ता के दलीलों को सुनने के बाद सरकार का पक्ष रख रहे एएजी-3 के एसी शहबाज अख्तर को इस मामले में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। 10 जनवरी 2025 को इस मामले में अगली सुनवाई होगी।
इस साल 12 अप्रैल को देवेंद्र सिंह की हुई थी गवाही
इस मामले में इसी वर्ष अदालत के आदेश पर 12 अप्रैल को सत्र न्यायालय में देवेंद्र सिंह की गवाही हुई थी। धनबाद क्लब में सात दिसंबर 2011 को सैकड़ों लोगों के सामने एक रिसेप्शन पार्टी में सुरेश सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में फिलहाल रामधीर सिंह के पुत्र शशि सिंह, मोनू सिंह, प्रमोद लाला और आलोक वर्मा के खिलाफ ट्रायल चल रहा है। फरार शशि सिंह के खिलाफ 50 हजार रुपए का इनाम घोषित है। 13 साल से वह फरार है। पुलिस उसे नहीं पकड़ पाई है।