Dhanbad news : मकर संक्रांति में अब कुछ ही दिन शेष है ऐसे में धनबाद जिले के विभिन्न बाजारो में तिल और गुड़ की सौंधी महक से गुलजार है, लोग संक्रांति को लेकर तिलकुटऔर उससे बनी सामग्री की खरीदारी में जुटे हैं।उत्तर भारत के राज्यों में दही-चिउड़ा, गुड़ और तिल खाने की वर्षों पुरानी परंपरा है इस साल 14 जनवरी को मनाए जाने वाले मकर संक्रांति को लेकर धनबाद, झरिया, सिंदरी, कतरास,चिरकुंडा,निरसा एव कुमारधुबी बाजारों में तिलकुट की दुकानें सजी हैं। धनबाद में बड़ी संख्या में ऐसी भी तिलकुट दुकानें हैं जहां पड़ोसी राज्य बिहार के गया और नवादा से कारीगर बुलवाकर तिलकुट बनवाया जा रहा है।
इसके पीछे की वजह यह है कि ऐसा माना जाता है कि गया में बने तिलकुट का स्वाद बेहद खास होता है । गया जिला से आए दर्जनों कारीगर दिन रात चीनी, गुड़ और खोवा का तिलकुट बनाने में जुटे हैं।लोहे के बर्तन में तिल भुनने और गुड़ या चीनी की चाशनी की सौंधी महक से इन दिनों जिलों के विभिन्न बाजार गुलजार है। तिलकुट के शौकीनों को भी गया जिला के रमना वाली क्वालिटी क्षेत्रों में ही उपलब्ध हो रहा है। राहत की बात यह भी है कि इस बार तिलकुट, तिल के लड्डू, तिलपट्टी के दाम लगभग पिछले साल वाले ही कीमतें है उसमें कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।धनबाद में तिलकुट बनवाने वाले दुकानदार शंकर भगत कहते है कि उत्तम क्वालिटी के गुड,तिल,चीनी,बदाम के उपयोग और गया के कारीगरों द्वारा सधे हाथों से ही स्वादिष्ट और खस्ता तिलकुट बनाया जाता हैं बाजारों में धीरे धीरे डिमांड तेज हो रही हैं ।