वैदिक मंत्रोच्चारण और श्लोकों के बीच नरेन्द्र मोदी ने लगायी पावन डुबकी
– संगम में अर्पित किया अक्षत, नैवेद्य, पुष्प, फल और लाल चुनरी, आरती भी उतारी
MahaKumbh nagar news : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को प्रयागराज महाकुम्भ में मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की त्रिवेणी के पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगा कर पूरी दुनिया को एकता का संदेश दिया। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ त्रिवेणी संगम में स्नान किया। पावन डुबकी लगाने से पहले प्रधानमंत्री ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दौरान वह रुद्राक्ष की माला का जप करते भी नजर आये। मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की अराधना करते हुए उन्होंने पावन डुबकी लगायी। डुबकी लगाने के बाद उन्होंने गंगा पूजन और आरती भी की। इससे पूर्व प्रधानमंत्री के प्रयागराज आगमन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया।
विधिवत किया पूजन अर्चन
त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधिवत पू्जा-अर्चना की। संगम में उतरने से पहले पीएम ने सबसे पहले आस्था के साथ जल को स्पर्श कर आशीर्वाद लिया, फिर सूर्य को अर्घ्य दिया और तर्पण भी किया। संगम स्नान के बाद उन्होंने पूरे विधि विधान से पूजन अर्चन भी किया। काले कुर्ते और भगवा पटके व हिमांचली टोपी पहने पीएम मोदी ने वैदिक मंत्रों और श्लोकों के बीच संगम त्रिवेणी में अक्षत, नैवेद्य, पुष्प, फल और लाल चुनरी अर्पित की। इसके बाद उन्होंने संगम स्थल पर तीनों पावन नदियों की आरती भी उतारी। वहा मौजूद तीर्थ पुरोहित ने उनका टीका लगा कर अभिनन्दन किया। पूजन-अर्चन के बाद पीएम मोदी, मुख्यमंत्री के साथ उसी बोट पर बैठ कर वापस हेलीपैड की ओर रवाना हो गये।
विशेष योग में किया स्नान
महाकुम्भ में जहां दुनिया भर के श्रद्धालुओं का समागम हो रहा है, वहां प्रधानमंत्री ने पावन डुबकी के माध्यम से पूरी दुनिया को एक भारत श्रेष्ठ भारत और वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया। बुधवार को पीएम मोदी का संगम स्नान बहुत महत्त्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण रहा। इस दौरान विशिष्ट योग का भी संयोग रहा। दरअसल, बुधवार का दिन विशेष था, क्योंकि हिन्दू पंचांग के अनुसार इस समय गुप्त नवरात्रि चल रही है और बुधवार को भीष्माष्टमी भी थी। गुप्त नवरात्रि पर जहां देवी पूजन किया जाता है तो वहीं, भीष्माष्टमी पर श्रद्धालु अपने पुरखों का तर्पण और श्राद्ध भी करते हैं।
प्रयागराज पहुंचने पर सीएम योगी ने किया स्वागत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुबह प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचे, जहां से वह एमआई-17 हेलिकॉप्टर में बैठकर डीपीएस हेलिपैड पहुंचे। यहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत और अभिनन्दन किया। यहां से प्रधानमंत्री अरैल घाट पहुंचे, जहां से विशेष बोट पर सवार होकर उन्होंने त्रिवेणी संगम का रुख किया। बोट पर उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री महाकुम्भ में की गयीं व्यवस्थाओं और श्रद्धालुओं को दी जा रही सुविधाओं के विषय में सीएम योगी से जानकारी लेते हुए भी दिखाई दिये। बोट से भ्रमण के दौरान पीएम ने त्रिवेणी संगम में मौजूद श्रद्धालुओं का भी अभिवादन स्वीकार किया।
पीएम की मौजूदगी में भी चलता रहा श्रद्धालुओं का स्नान
प्रधानंत्री नरेन्द्र मोदी जब त्रिवेणी संगम पहुंचे तब आम श्रद्धालु भी संगम स्नान कर रहे थे। पीएम मोदी के आगमन के बावजूद लोगों को स्नान करने से रोका नहीं गया था। वीवीआईपी मूवमेंट के बाद भी कहीं कोई गतिरोध उत्पन्न नहीं हुआ और एक तरह से पीएम मोदी और अन्य श्रद्धालुओं ने एक साथ ही त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगायी। इससे श्रद्धालु भी प्रसन्न नजर आये और संगम तट पर लाखों लोगों की मौजूदगी में हर हर गंगे और मोदी-मोदी के जयकारे गुंजायमान होते रहे। उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी से प्रारम्भ हुए महाकुम्भ में अब तक वीवीआईपी मूवमेंट के बावजूद श्रद्धालुओं को संगम स्नान में कहीं कोई दिक्कत नहीं आ रही है। इसी का नतीजा है कि मात्र 24 दिनों में अब तक 39 करोड़ श्रद्धालु संगम में पावन डुबकी लगा चुके हैं।
13 दिसम्बर को पीएम मोदी ने की थी कई परियोजनाओं की शुरुआत
इससे पूर्व पीएम मोदी ने महाकुम्भ की शुरुआत से एक माह पूर्व 13 दिसम्बर को प्रयागराज का दौरा किया था और 5500 करोड़ रुपये की 167 परियोजनाओं की सौगात दी थी। इसमें यात्री सुविधाओं के लिए रेलवे स्टेशनों के अपग्रेडेशन और डेवलपमेंट के साथ-साथ आरओबी फ्लाईओवर, सड़कों का चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण और सौंदर्यीकरण की प्रमुख परियोजनाएं सम्मिलित थीं। इसके अतिरिक्त, स्थायी घाटों, रिवर फ्रंट, सीवरेज, पेयजल सुविधाओं के साथ विद्युत आपूर्ति से जुड़ी परियोजनाओं का भी शुभारम्भ किया था। यही नहीं, पीएम मोदी ने अक्षयवट कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर, बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर, भारद्वाज ऋषि आश्रम कॉरिडोर, श्रृंगवेरपुर धाम कॉरिडोर का भी शुभारंभ किया था। इन परियोजनाओं और कॉरिडोर के शुभारंभ का उद्देश्य न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए महाकुम्भ के अनुभव को यादगार बनाना था, बल्कि तीर्थराज प्रयागराज को प्रगति की नयी दिशा दिखाना भी था।
पीएम मोदी ने लिखा…मां गंगा का आशीर्वाद पाकर मिली असीम शांति
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को प्रयागराज महाकुम्भ में त्रिवेणी संगम स्नान किया। इस ऐतिहासिक और विशेष स्नान को उन्होंने अद्भुत बताया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पीएम मोदी ने संगम में स्नान की तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा… “प्रयागराज महाकुम्भ में आज पवित्र संगम में स्नान के बाद पूजा-अर्चना का परम सौभाग्य मिला। मां गंगा का आशीर्वाद पाकर मन को असीम शांति और संतोष मिला है।” यह भी कहा कि उन्होंने मां गंगा से सभी देशवासियों के सुख-समृद्धि, आरोग्य और कल्याण की भी कामना की। उल्लेखनीय है कि बुधवार को त्रिवेणी संगम में स्नान के दौरान पीएम मोदी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूजा-अर्चना के साथ ही संगम आरती भी की और संगम तटों पर मौजूद श्रद्धालुओं का अभिवादन भी किया।
ऑफिशियल हैंडल पर तस्वीरें कीं साझा
अपनी अगली पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, “प्रयागराज के दिव्य-भव्य महाकुम्भ में आस्था, भक्ति और अध्यात्म का संगम हर किसी को अभिभूत कर रहा है। पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट के साथ ही संगम स्नान के साथ ही पूजन-अर्चन की तस्वीरें भी साझा कीं।
महाकुम्भ मेला क्षेत्र में कई देशों के बौद्ध भिक्षुओं ने निकाली शोभायात्रा
प्रयागराज महाकुम्भ में दुनिया के कई देशों से आये बौद्ध भिक्षुओं ने बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघम् शरणम गच्छामि के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से बुधवार को शोभायात्रा निकाली।
शोभायात्रा महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर 17 के अखिल भारतीय संत समागम स्थल से अवधेशानंद गिरि महाराज के शिविर तक निकाली गयी। शोभायात्रा के माध्यम से बौद्ध भिक्षुओं ने यह संदेश दिया कि बौद्ध व सनातनी एक थे, एक हैं और एक रहेंगे। रास्ते में भगवान बुद्ध की करुणा हो, सम्राट अशोक अमर रहें के गगनभेदी नारे लग रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन धर्म संस्कृति संगम के बैनर तले किया गया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम बौद्ध एवं सनातन के बीच राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपसी समन्वय, समता, समरसता, सद्भाव एवं करुणा मैत्री विकसित करने के उद्देश्य से किया गया है। हिंसा मुक्त, दंगा मुक्त, धर्मान्तरण मुक्त भारत बने। हम सब सुखी रहें। मानवता से परिपूर्ण राष्ट्र बनें। हम एक रहेंगे, तो सुरक्षित रहेंगे और दुनिया को अच्छाई का मार्ग दिखा सकेंगे।
शोभा यात्रा में बौद्ध की सभी परम्पराओं को माननेवाले बौद्ध भिक्षु, भंते व लामा शामिल रहे। नेपाल, भूटान, म्यामांर, श्रीलंका, तिब्बत, जापान, कोरिया, कंबोडिया, लाओस व वियतनाम समेत कई देशों के बौद्ध भिक्षु शामिल रहे।
शोभायात्रा में भंते बुद्ध प्रिय विश्व, भंते राजकुमार श्रावस्ती, भंते अवश्वजीत प्रतापगढ़, भिक्षुणी सुमेन्ता, भंते अनुरुद्ध कानपुर, भंते संघप्रिय रीवा मध्यप्रदेश, भंते बोधि रक्षित, भंते धम्म दीप औरैया, भंते बोधि रतन मैनपुरी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक अनिल जी और काशी प्रांत के प्रान्त प्रचारक रमेश और भंते रतन शामिल रहे।