Lifestyle, health news : मानव शरीर के अंगों के विकास की अवधि लिमिटेड होती है। लेकिन, नाखूनों और बालों की वृद्धि पूरी जिंदगी होती है। हमारे अंगों में बाहरी परिवर्तन से बीमारियों के कुछ लक्षण मिलते हैं और सेहत पर इसके पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी मिलती है। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि नाखूनों के रंग रूप के माध्यम से भी हमें अपनी सेहत के बारे में पता चलता है।
नई कल में नख निरीक्षण
जानकारी बताती है कि नाखून देख कर रोगों का पता लगाने का चलन प्राचीन काल से आरंभ हुआ था। तत्कालीन यूनानी डाक्टर हिपोक्रेटस ने भी रोग निदान के लिए नख निरीक्षण का परामर्श दिया है। आज भी एक्सपर्ट डॉक्टर जानते हैं कि नाखून कई गंभीर बीमारियों की सूचना देने में सहायक होते हैं।
त्वचा या आंख की बीमारी का संकेत
भूरे या काले धब्बे खास तौर पर जो नाखून के आसपास की खाल पर फैल जाते हैं, वे त्वचा या आंख की घातक रसौली मैलिगनेंट मैला बोमा की सूचना देते हैं। ऐसा एक बड़ा धब्बा भी हो सकता है या छोटी छोटी चित्तियां हो सकती हैं।
दोष युक्त रक्त संचार की ओर इशारा
नाखूनों के अर्ध चंद्राकार भाग पर नीलापन आना शरीर में दोषयुक्त रक्त संचार, हृदय रोग आदि का सूचक है। यदि नाखून धीमी गति से बढ़ते हैं तथा मोटे और बहुत सख्त हो जाते हैं या पीले, हरे दिखाई देने लगते हैं तो इसका कारण श्वास रोग, थायरायड से सम्बन्ध रोग हो सकते हैं। नाखूनों के सिरे के पास वाला आधा नख गुलाबी या भूरा दिखाई देता है और जड़ के पास वाला आधा भाग सफेद। इसे आधा-आधा नाखून भी कहते हैं।
बड़ी आंत में सूजन का संकेत
नाखूनों की आर-पार दबी हुई समानांतर लाइन भोजन में पोषक तत्वों की कमी या ऐसे किसी उग्र रोग के कारण पड़ सकती हैं जिसमें नाखूनों का बढऩा अस्थायी रूप से रुक जाता है। नाखूनों का सिरा मोटा होना तपेदिक, वातशोथ, बड़ी आंत में सूजन और घाव या जिगर रोग का सूचक है। इस स्थिति में नाखून असाधारण ढंग से ऊपर की ओर उठ जाता है और उंगली के सिरों के चारों ओर मुड़ जाता है। चर्मरोग से पीड़ित अनेक व्यक्तियों के नाखूनों में बेडौल गड्ढे पाए जाते हैं।
बालों के लिए खतरनाक संकेत
यदि हथौड़े से पीटे हुए पीतल के बर्तन की भान्ति नाखूनों पर सीध में गड्ढे पड़ जाते हैं तो ऐसी स्थिति आपके बालों के लिए घातक है। नाखूनों की ऐसी अवस्था का कारण कभी कभी गंजापन होता है। यह रोग पूरी तरह समझ में नहीं आ पाया है। शरीर में रक्त संचार ठीक न होने पर नाखून धीरे-धीरे बढ़ते हैं और मोटे सख्त तथा पीले धब्बों वाले हो जाते हैं। ऐसे नाखून मधुमेह और हृदय रोग से पीडि़त व्यक्तियों के भी हो सकते हैं। कभी-कभी आक्सीजन की कमी के कारण नाखूनों का आधार नीला दिखने लगता है। नाखूनों की सामान्य वृद्धि के लिए पौष्टिक आहार जरूरी है। भोजन में पोषक तत्वों की कमी होने पर या असामान्य मानसिक स्थिति में नाखूनों के आर-पार तिरछी रेखाएं पड़ जाती हैं जिन्हें बो लाईन कहा जाता है। भोजन में पोषक तत्वों की कमी से नाखून कड़कीले हो जाते हैं और उनकी परत टूटने लगती है।