Sambhal news, UP news : संभल के चंदौसी में मोहल्ला लक्ष्मणगंज में मिली बावड़ी को अस्तित्व में लाने के लिए रविवार को नौंवे दिन भी खोदाई का सिलसिला जारी है। रविवार को प्रशासन ने मौके पर बुलडोजर मंगवाया है। इससे पहले, जहां बावड़ी का सिरा और कुएं की तलाश में खोदाई की गई, तो वहीं एक मकान के नीचे बावड़ी की दीवार मिली। अब मकान को लेकर प्रशासन मंथन कर रहा है। उधर पूरे परिसर की साफ-सफाई तेज गति से जारी है। इससे पहले शनिवार सुबह करीब 10 बजे नगर पालिका की सेनेटरी इंस्पेक्टर प्रियंका सिंह टीम व पीएसी मोहल्ला लक्ष्मणगंज पहुंचीं। ईओ कृष्ण कुमार सोनकर भी मौके पर पहुंचे। खोदाई के लिए मजदूरों की तीन टीम बनाई गई। एक टीम को ऊपरी मंजिल के गलियारों से मिट्टी निकालने में लगाया गया। जबकि, दूसरी को सड़क की ओर बावड़ी का सिरा और कुएं की तलाश में खोदाई कार्य में लगाया गया।
मकान के नीचे दिखी बावड़ी की दीवार
तीसरी टीम को बाबड़ी के दूसरी ओर के सिरे की तलाश में खोदाई में लगाया गया। ईओ ने बताया कि तीसरी टीम को एक मकान के नीचे बावड़ी की दीवार नजर आने लगी। बताया जा रहा है कि यहां बावड़ी का प्रवेश द्वार है। हालांकि, प्रवेश द्वार मकान के कितने अंदर है। यह खोदाई पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। उधर, कुएं की तलाश में शाम पांच बजे तक खोदाई की गई। ऊपरी मंजिल का पीछे का गलियारा लगभग साफ हो चुका है। एक साइड के गलियारे में अभी मिट्टी भरी हुई है।
एएसआई की टीम ने बांकेबिहारी मंदिर और बावड़ी का निरीक्षण किया
एएसआई की टीम ने शनिवार को भी बावड़ी और खंडहरनुमा प्राचीन बांकेबिहारी मंदिर का निरीक्षण किया। दोपहर करीब 1:15 बजे एएसआई के सर्किल इंचार्ज मेरठ डिवीजन विनोद सिंह रावत, राजेश कुमार, मुकेश कुमार समेत चार सदस्यीय टीम चंदौसी के लक्ष्मणगंज में पहुंची। टीम ने बावड़ी का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने कुएं को तलाशने के लिए की जा रही खोदाई कार्य को भी देखा। साथ ही कार्य में लगे मजदूरों से बात की।
टीम करीब 15 मिनट तक बावड़ी में रही और स्थिति का जायजा लिया। टीम ने बताया कि अमरोहा जिले में भी बावड़ी का स्ट्रक्चर इसी तरह का है। इसके बाद एएसआई की टीम चंदौसी स्थित खंडहरनुमा प्राचीन बांकेबिहारी मंदिर पहुंची। उन्होंने मंदिर की दीवारें, लिंटर और फर्श चेक किया। यहां भी टीम करीब 15 मिनट रुकी और इसके बाद करीब दोपहर 1:45 बजे लौट गई।
बावड़ी की जद में मकान आने पर परिवार चिंतित
बावड़ी के प्रवेश द्वार की तलाश में शनिवार को खोदाई शुरू हुई। इस दौरान बावड़ी की एक दीवार नजर आने लगी, जिसके ऊपर शाकिब पुत्र मोहम्मद यूसुफ का मकान बना है। उधर, बावड़ी को अस्तित्व में लाने के लिए प्रशासन उस पर हुए अतिक्रमण हटाने की बात कह रहा है। इससे अब शाकिब का परिवार चिंतित है। शाकिब ने बताया कि यह मकान वर्ष 2010 में उसके पिता ने पड़ोसी से खरीदा था। शाकिब ने बताया कि वह दो भाई और दो बहनों में सबसे बड़ा है। परिवार की जिम्मेदारी उसी पर है। वह कारपेंटर है। वहीं, उसकी मां गुलनाज घर चलाने के लिए सिलाई का कार्य करती हैं।
निगरानी के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे
चंदौसी में बावड़ी का वजूद अब सामने आने लगा है। इस ऐतिहासिक धरोहर को कोई क्षति न पहुंचा सके। साथ ही काम पर नजर रखने के लिए बावड़ी स्थल पर तीन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। एक कैमरा कुएं वाली साइड में और दो कैमरे पीछे वाली दीवार पर लगाए गए हैं।
भीड़ रोकने के लिए लगाई गई बैरिकेडिंग
मोहल्ला लक्ष्मणगंज में बावड़ी चर्चा का विषय बनी है। जिले के अलावा आसपास के लोग बावड़ी देखने आ रहे हैं। दिनभर लोगों की भीड़ रहती है। अब भीड़ से ज्यादा काम प्रभावित न होने इसके लिए प्रशासन ने बैरिकेडिंग की है। प्रशासन ने एक ओर के रास्ते पर बांस-बल्ली से बैरिकेडिंग की है। वहीं, दूसरी ओर के रास्ते पर सीमेंट की ईटें लगाकर आवागमन रोक दिया है।