होम

वीडियो

वेब स्टोरी

ऊर्जा परिवर्तन को जन आंदोलन बनाने की है जरूरत : प्रह्लाद जोशी

IMG 20240912 WA0025

Share this:

16 से 18 सितंबर तक महात्मा मंदिर, गांधीनगर में चौथी वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक बैठक और एक्सपो (री-इन्वेस्ट 2024) का होगा आयोजन

New Delhi news: केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ऊर्जा परिवर्तन को जन आंदोलन बनाने की वकालत करते हुए कहा कि ऊर्जा परिवर्तन को जन आंदोलन बनाने की जरूरत है, जिसमें आम नागरिक अगली पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए राजदूत बनें। केवल सामूहिक प्रयास ही सभी के लिए एक टिकाऊ और सुरक्षित ऊर्जा भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं। केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी बुधवार को अपने आवास पर री-इन्वेस्ट 2024 को लेकर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि”नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) 16 से 18 सितंबर 2024 तक महात्मा मंदिर, गांधीनगर, गुजरात में चौथी वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक बैठक और एक्सपो (री-इन्वेस्ट 2024) का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम में आॅस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी, नॉर्वे, सिंगापुर, हांगकांग, अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, यूरोपीय संघ, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और कई अन्य देशों के प्रतिनिधिमंडलों के शामिल होंगे। जर्मन और डेनिश प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उनके मंत्री करेंगे।

केंद्रीय मंत्री जोशी ने बताया कि आॅस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी और नॉर्वे चौथे पुनर्निवेश के लिए भागीदार देश हैं। जबकि भारत में आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश इस आयोजन के भागीदार राज्य हैं। इस आयोजन में नीति निमार्ता, उद्योग, वित्तीय संस्थान आदि शामिल होंगे। इस आयोजन में सभी प्रमुख बैंक, वित्तीय संस्थान नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अपने प्रस्तावित ऋण व फंडिंग के बारे में शपथ पत्र भी देंगे। इसके अलावा डेवलपर्स, निमार्ताओं, निजी इक्विटी निवेशकों, शीर्ष विक्रेताओं द्वारा भी शपथ पत्र दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस आयोजन में नवीकरणीय ऊर्जा, आरई क्षेत्र के लिए नवीन वित्तपोषण, ग्रीन हाइड्रोजन, भविष्य की ऊर्जा विकल्प, क्षमता निर्माण और नवीकरणीय-संबंधित निमार्ताओं, डेवलपर्स, निवेशकों और नवप्रवर्तकों की एक प्रदर्शनी पर ढाई दिवसीय सम्मेलन शामिल होगा। इस सम्मेलन में 10,000 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है। इसमें 44 सत्र होंगे, जिनमें एक मुख्यमंत्री पूर्ण सत्र, एक सीईओ गोलमेज सम्मेलन और कई राज्य, देश और तकनीकी सत्र शामिल होंगे। सम्मेलन के अलावा, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार, मेजबान राज्य गुजरात सहित विभिन्न राज्य सरकारों की सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों, स्टार्टअप आदि की प्रदर्शनी होगी।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री जोशी ने बताया कि पहला संस्करण फरवरी 2015 में नई दिल्ली में, दूसरा अक्टूबर 2018 में दिल्ली-एनसीआर में और तीसरा संस्करण नवंबर 2020 में कोविड-19 बाधाओं के कारण एक आभासी मंच पर आयोजित किया गया था। रीइन्वेस्ट के प्रत्येक संस्करण में अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

भारत 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल करने की राह पर अग्रसर है। यह दुनिया के सबसे आकर्षक नवीकरणीय ऊर्जा बाजारों में से एक के रूप में उभरा है। मंत्रालय ने किसानों और परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए पीएम कुसुम और पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना जैसी अग्रणी योजनाएं शुरू की हैं। भारत का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृद्धि में तेजी लाना है।

Share this:




Related Updates


Latest Updates