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महाकुंभ में इस बार होगा अभेद्य सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम

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मुख्यमंत्री योगी ने महाकुंभ-25 के लोगो का किया अनावरण, संत समाज से किया संवाद

प्रयागराज में नहीं होगी मांस-मदिरा की बिक्री, कार्यों को समय से पूरा करने का आदेश, सात हजार से अधिक बसें चलाई जाएंगी

Prayagraj news : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महाकुंभ के दौरान सुरक्षा के अभेद्य और पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रयागराज की शास्त्रीय सीमा में मांस-मदिरा की बिक्री नहीं होगी। उन्होंने आदेश दिया कि तय समयसीमा के भीतर सारी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। उन्होंने बताया कि प्रदेश और केंद्र सरकार के विभाग आपसी समन्वय से कार्यों को रफ्तार दे रहे हैं। महाकुंभ में सात हजार से अधिक बसें चलाई जाएंगी।
महाकुंभ में सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री ने सभी संतों-संन्यासियों, आचार्यों से अनुरोध किया कि अपने आश्रम में तब तक किसी को प्रवास की अनुमति न दें जब तक कि उनका विधिवत सत्यापन न कर लिया जाए। मुख्यमंत्री की घोषणाओं से संतुष्ट संत समाज ने कहा कि महाकुंभ पूरे विश्व को शांति का संदेश देने वाला होगा।
मुख्यमंत्री ने रविवार को प्रयागराज में महाकुंभ के लोगो को भी जारी किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार सनातन परंपरा के सम्मान के लिए समर्पित है। महाकुंभ में दुनिया सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार करेगी।
इस महाआयोजन के दौरान संतगणों की भावनाओं का पूरा सम्मान किया जाएगा। उनकी हर आशा, अपेक्षा और आवश्यकता को पूरा करने का है प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि संतों-संन्यासियों की समाधि के लिए प्रयागराज में भूमि आरक्षित होगी।

अविरल गंगा-यमुना के दर्शन होंगे

मुख्यमंत्री ने यहां सभी 13 अखाड़ों, खाक-चौक परंपरा, दण्डीबाड़ा परंपरा और आचार्यबाड़ा परंपरा के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का आयोजन सनातन धर्म के ध्वजवाहक अखाड़ों और विभिन्न संत परंपराओं के निर्देशन में उनके ही द्वारा किया जाता है। राज्य सरकार, इसमें सहयोगी है और दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुगण अतिथि हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में पूरी दुनिया सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार करेगी।  उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान साधु-संतों, संन्यासियों, वैरागियों सहित समस्त सनातन समाज की भावनाओं का सम्मान रखते हुए प्रयागराज की शास्त्रीय सीमा में मांस-मदिरा का क्रय-विक्रय प्रतिबंधित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संत और श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा-यमुना के दर्शन होंगे। पवित्र नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन साधु-संत समाज का सहयोग भी अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाकुंभ के दौरान ब्रह्मलीन होने वाले साधु-संतों की समाधि के लिए प्रयागराज में शीघ्र ही भूमि आरक्षित कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आज लेटे हुए हनुमान जी मंदिर के पास कॉरीडोर का निर्माण भी हो रहा है।
संत समाज की ओर से गो-हत्या पर प्रतिबंध की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गोहत्या अपराध है। गोहत्या के विरुद्ध उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही, राज्य सरकार 07 हजार से अधिक गोवंश आश्रय स्थल का संचालन कर रही है, जहां 14 लाख से अधिक गोवंश संरक्षित है।

कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं

मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि महाकुंभ से जुड़े सभी कार्य समय से पूरे करें। कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होनी चाहिए। 5600 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट से प्रयागराज को भव्य और सुंदर बनाया जा रहा है। जब महाकुंभ का आयोजन होता है, तो उस समय संगम में जल का स्तर 8 से 10 हजार क्यूसेक वाटर हाेता है। वहीं वर्तमान में सवा दो लाख से 2.5 लाख क्यूसेक वाटर के बीच जलस्तर है। इसे रिसेट होने में 10-12 दिन लग सकते हैं, लेकिन इससे तैयारियों में कोई बाधा नहीं आएगी।

श्रद्धालुओं को नहीं चलना पड़ेगा पैदल

सीएम ने बताया कि इस बार महाकुंभ का दायरा पिछले महाकुंभ की तुलना में दो गुने से अधिक क्षेत्रफल में फैला रहेगा। हमारा प्रयास रहेगा कि मुख्य पर्व, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी को महाशिवरात्रि तक चलेंगे, को छोड़कर शेष अन्य दिनों में किसी भी श्रद्धालुओं को एक किलोमीटर से अधिक पैदल न चलना पड़े। इसके लिए परिवहन निगम की सात हजार से अधिक बसों का संचालन किया जाएगा। इसके अलावा इलेक्ट्रिक बसों की भी व्यवस्था की जाएगी। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज की अलग छटा देखने को मिलेगी। सुरक्षा के भी खास इंतजाम किये जा रहे हैं। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा। हम जीरो प्लास्टिक के लक्ष्य को लेकर भी चल रहे हैं। इसके अलावा संगम के सभी ड्रेनेज और सीवर को टेप किया जा चुका है। इन्हें डायवर्ट कर बायोडिग्रेडेशन के माध्यम से शुद्धिकरण करके ही डिस्चार्ज किया जाएगा।

लोगो का हुआ अनावरण

मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ-25 के लिए नए बहुरंगी लोगो का अनावरण किया। यह लोगो धार्मिक और आर्थिक समृद्धता के संदेश का एक प्रेरणादायक स्रोत है, जिसमें समुद्र मंथन में निकले अमृत कलश को महाकुम्भ के लोगो में दर्शाया गया है। मंदिर, द्रष्टा, कलश और अक्षयवट के साथ ही हनुमान जी की छवि से युक्त महाकुम्भ का यह लोगो सनातन सभ्यता में शामिल प्रकृति और मानवता के संगम के साथ ही आत्म जागृति और जनकल्याण के अनंत प्रवाह का भी प्रतीक है। यूनेस्को की ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की सूची में शामिल कुम्भ मेला तीर्थयात्रियों की दुनिया की सबसे बड़े शांतिपूर्ण आयोजन के रूप में माना जाता है। महाकुंम्भ का ध्येय वाक्य ‘सर्वसिद्धिप्रदः कुम्भः यानि सभी प्रकार की सिद्धि प्रदान करने वाला कुम्भ है।

शंकराचार्य से मुख्यमंत्री ने की भेंट

मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती से भी भेंट की और महाकुंभ आयोजन की तैयारियों से अवगत कराया। लगभग 20 मिनट तक चली इस भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य से कहा कि राज्य सरकार संतगणों की अपेक्षाओं और आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए सभी आवश्यक प्रबंध कर रही है। महाकुंभ  कुंभ 2019 से भी अधिक दिव्य और भव्य होग

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