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नाविका सागर परिक्रमा के लिए 02 अक्टूबर को गोवा से रवाना होंगी दो महिला अधिकारी

नाविक

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• आठ महीने की अवधि में दोनों महिलाएं 21,600 समुद्री मील की यात्रा करेंगी

नयी दिल्ली : नाविका सागर परिक्रमा अभियान के दूसरे संस्करण के साथ दुनिया भर में भ्रमण के असाधारण मिशन पर निकलने के लिए भारतीय नौसेना पूरी तरह तैयार है। नौकायन पोत तारिणी से नौसेना की दो साहसी महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए 2 अक्टूबर को इस चुनौतीपूर्ण अभियान पर गोवा से रवाना होंगी। आठ महीने की अवधि में दोनों महिलाएं बिना किसी बाहरी सहायता के केवल पवन ऊर्जा पर निर्भर करते हुए 21,600 समुद्री मील की यात्रा करेंगी।

ऐतिहासिक यात्रा को गोवा के नौसेना महासागर नौकायन नोड, आईएनएस मंडोवी से रवाना किया जायेगा

नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन ने सोमवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि इस ऐतिहासिक यात्रा को गोवा के नौसेना महासागर नौकायन नोड, आईएनएस मंडोवी से रवाना किया जायेगा। आठ माह के दौरान दोनों महिला अधिकारी मानव सहनशक्ति की सीमाओं को लांघते हुए उच्च समुद्र, चरम मौसम की स्थिति की कठोरता का सामना करेंगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान की परिकल्पना भारतीय नौसेना ने 2017 में नाविका सागर परिक्रमा के साथ की थी, जिसमें पहली बार छह अधिकारियों ने दुनिया की परिक्रमा थी।

अभियान का यह दूसरा संस्करण असाधारण होगा

उन्होंने बताया कि इसी अभियान का यह दूसरा संस्करण असाधारण होगा, क्योंकि इस नाविका सागर परिक्रमा अभियान के दूसरे संस्करण में सिर्फ दो महिलाओं लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए को शामिल किया गया है। इससे पहले कैप्टन दिलीप डोंडे 2009-10 में दुनिया की परिक्रमा करनेवाले पहले भारतीय थे। इसके बाद कमांडर अभिलाष टॉमी दो परिक्रमाओं में भाग लेनेवाले पहले एशियाई कप्तान बने और 2022 में गोल्डन ग्लोब रेस को पूरा करने की उपलब्धि हासिल की। कमांडर अभिलाष टॉमी इन दोनों महिला अधिकारियों के आधिकारिक संरक्षक के रूप में प्रशिक्षण से जुड़े रहे हैं।

तैयारी अभियानों और प्रशिक्षण पर प्रकाश डालने वाली लघु फिल्म दिखायी गयी

नौसेना उप प्रमुख ने बताया कि यह अभियान नौसेना मुख्यालय, भारतीय नौसेना नौकायन संघ और दक्षिणी नौसेना कमान के तहत गोवा स्थित महासागर नौकायन नोड के तत्वावधान में होगा। दोनों नोडल केन्द्र अंतरराष्ट्रीय समुद्री एजेंसियों और अधिकारियों के साथ संपर्क में रहकर यात्रा का समन्वय करेंगे। उन्होंने नाविका सागर परिक्रमा कक को भारत की समुद्री विरासत के प्रति सशक्तिकरण, नवाचार और प्रतिबद्धता की यात्रा बताया। यात्रा के विभिन्न पहलुओं और चालक दल के तैयारी अभियानों और प्रशिक्षण पर प्रकाश डालने वाली एक लघु फिल्म दिखायी गयी।

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