सपा ने सभी 9 सीटों पर कैंडिडेट का ऐलान किया, अखिलेश ने राहुल का हाथ थामे फोटो शेयर किया
Lucknow news, up news : कांग्रेस उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव नहीं लड़ेगी। राज्य के पार्टी प्रभारी अविनाश पांडे ने गुरुवार को यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपचुनाव में इंडिया गठबंधन का समर्थन करेगी। इसके बाद सपा ने गाजियाबाद और खैर सीटों पर भी अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया। सात सीटों पर सपा पहले ही प्रत्याशियों के नाम तय कर चुकी थी। राज्य की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है। रिजल्ट 23 नवंबर को आएंगे।
सपा सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव और राहुल गांधी के बीच बुधवार रात को फोन पर बातचीत हुई। राहुल ने उपचुनाव न लड़ने और सपा को पूरा सहयोग देने का वादा किया। अखिलेश ने इसके लिए राहुल का शुक्रिया अदा किया। दरअसल, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को उपचुनाव को लेकर बहुत इंटरेस्ट नहीं था। कांग्रेस का फोकस महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में है। सूत्रों ने बताया कि राहुल और अखिलेश के बीच काफी देर बातचीत हुई। इसके बाद राहुल ने उपचुनाव न लड़ने की कही। इसके बाद ही अखिलेश ने सार्वजनिक ऐलान किया।
इससे पहले अखिलेश यादव ने बुधवार देर रात बजे एक्स पर कहा था कि इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सपा के चुनाव निशान ‘साइकिल’ पर ही चुनाव लड़ेंगे। अखिलेश ने गुरुवार को एक्स पर राहुल गांधी का हाथ पकड़े एक फोटो शेयर की। इसमें लिखा, ‘हमने ठाना है। संविधान, आरक्षण और सौहार्द बचाना है।’
उन्होंने लिखा कि बात सीट की नहीं जीत की है। इस रणनीति के तहत ‘इंडिया गठबंधन’ के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर सपा के चिन्ह ‘साइकिल’ के निशान पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस और सपा एक बड़ी जीत के लिए कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी हैं। इंडिया गठबंधन इस उपचुनाव में, जीत का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के साथ आने से सपा की शक्ति कई गुना बढ़ गई। ये देश का संविधान, सौहार्द और पीडीए का मान-सम्मान बचाने का चुनाव है।
भाजपा का तंज
अखिलेश के ऐलान के बाद भाजपा ने तंज कसा। प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा- इंडी गठबंधन खंड-खंड हो गया। यूपी में हाथ का पंजा एक बार फिर खाली रह गया। कांग्रेस हाथ मलती रह गई। सपा ने कांग्रेस को धोबी पछाड़ दांव दिया है। भाजपा का ‘कांग्रेस मुक्त’ नारा सपा साकार कर रही है। कांग्रेस अपनी दुर्दशा के लिए खुद जिम्मेदार है। अखिलेश ने मध्य प्रदेश और हरियाणा विधानसभा चुनाव का बदला ले लिया है।