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दीवाली पर ‘वनतारा’ ने बचाये तीन अफ्रीकी हाथी

दीवाली पर ‘वनतारा’ ने बचाये तीन अफ्रीकी हाथी

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चार्टर्ड कार्गो विमान से भारत लाये गये हैं अफ्रीकी हाथी, अचटम, कानी और मीना नाम के हाथियों को बचाया गया, अनंत मुकेश अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट है ‘वनतारा’

Jamnagar news, vantara news, Gujarat news : दीवाली के मौके पर तीन अफ्रीकी हाथियों को ट्यूनीशिया से बचा कर भारत के जामनगर स्थित वनतारा में लाया गया है। 28 से 29 वर्ष के इन अफ्रीकी हाथियों में दो मादा और एक नर हाथी है। अनंत मुकेश अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट वनतारा, दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित वन्यजीव बचाव केन्द्रों में से एक है। दरअसल, वनतारा से ट्यूनीशिया के एक निजी चिड़ियाघर ने सम्पर्क किया था, जो खराब वित्तीय हालात के कारण हाथियों के आहार, आवास और पशु चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर पा रहा था। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत हाथियों को एक चार्टर्ड कार्गो विमान से भारत लाया गया है। वनतारा अब इन अफ्रीकी हाथियों का नया घर होगा।

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ट्यूनीशिया के चिड़ियाघर फ्रिगुइया पार्क ने लागत कम करने के लिए तीनों अफ्रीकी हाथियों को हटाने का निर्णय कर लिया था। अचटम, कानी और मीना नाम के इन हाथियों को वापस जंगल में छोड़ना सम्भव नहीं था। ऐसे में उन्हें एक ऐसी जगह की तलाथ थी, जहां हाथियों की बेहतर देखभाल हो सके। काफी खोजबीन और जांच पड़ताल के बाद अचटम, कानी और मीना के लिए उन्हें वनतारा में एक नया घर मिल गया।  

वनतारा में अफ्रीकी हाथियों की चिकित्सीय जांच में पता चला है कि अचटम, कानी और मीना कई बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्हें शारीरिक और मानसिक सहायता की जरूरत है। कुछ मामलों में शल्य चिकित्सा भी करनी पड़ सकती है। वनतारा के पशु चिकित्सक दिन-रात उन पर नजर रखे हुए हैं। वनतारा ने देशी वनस्पतियों, मिट्टी के तालाबों और खाद्य संवर्धन वाले विशाल बाड़ों को काफी सोच समझ कर डिजाइन किया है। वनतारा में उनका नया घर अचटम, कानी और मीना को ऐसा माहौल देगा जो उनके जंगली आवास से काफी मिलता-जुलता होगा।

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