New Delhi news : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि हमारी इतिहास की किताबों में हमारे नायकों के साथ अन्याय किया गया है। हमारे इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गयी है, आजादी दिलाने में कुछ लोगों का एकाधिकार बनाया गया है। उन्होंने कहा, “यह हमारे विवेक पर असहनीय दर्द है – हमारी आत्मा और दिल पर बोझ है।”
उपराष्ट्रपति धनखड़ रविवार को दिल्ली के भारत मंडपम में राजा महेन्द्र प्रताप की 138वीं जन्म जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने राजा महेन्द्र प्रताप को एक जन्मजात राजनयिक, राजनेता, दूरदर्शी और राष्ट्रवादी बताया। उन्होंने कहा कि राजा महेन्द्र ने राष्ट्रवाद, देशभक्ति और दूरदर्शिता का उदाहरण प्रस्तुत किया और अपने आचरण से दिखाया कि राष्ट्र के लिए क्या किया जा सकता है।
ऐतिहासिक विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम अपने इतिहास को कुछ चुनिंदा लोगों को कृपालु, चाटुकारितापूर्ण, श्रेय देकर पोषित नहीं कर सकते। इस पीढ़ी और आनेवाली पीढ़ियों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए बिना किसी लाग-लपेट के ऐतिहासिक विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि न्याय का कैसा मजाक, कैसी त्रासदी है कि हम महान राजा महेन्द्र प्रताप के वीरतापूर्ण कार्यों को पहचानने में बुरी तरह विफल रहे हैं। हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में हैं। हमारे इतिहास ने उन्हें वह स्थान नहीं दिया, जिसके वह हकदार थे। हम अपने नायकों को छोटा नहीं होने दे सकते।