Dhanbad News : भूली नगर की नाट्य संस्था कला निकेतन जो राष्ट्रीय नाट्य प्रतियोगिता डेहरी में अभिनव कला संगम द्वारा आयोजित 26 से 30 दिसम्बर में भाग लेकर पाँच पुरस्कार प्राप्त किया। देश के विभिन्न प्रांतों से आये 27 नाट्य संस्थाओं ने भाग लिया । पवन झुनझुन वाटिका प्रेक्षागृह में कार्यक्रम का आयोजन किया गया । पुरस्कारों में विक्रमोर्वशीय नाटक को सर्वश्रेष्ठ तृतीय पुरस्कार, आकाश सहाय को सर्वश्रेष्ठ चरित्र अभिनेता विदूषक की भूमिका के लिए प्रथम, दीपक पंडित को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरुरवा की भूमिका के लिए प्रथम, नूतन सिन्हा को सर्वश्रेष्ठ रूपसज्जा का प्रथम एवं श्रेष्ठ नाट्य सहभागिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। महाकवि कालिदास कृत पाँच सर्गों का संस्कृत नाटक विक्रमोर्वशीयम है श्रृंगार, वीर व हास्य रस पर आधारित यह नाटक है जिसका हिंदी नाट्य रूपांतरण व निर्देशन बशिष्ठ प्रसाद सिन्हा ने किया। कथानक इस प्रकार है – एक बार केशी नामक दानव ने देवलोक की अपसरा उर्वशी का अपहरण कर लिया। जब राजा पुरुरवा को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने तुरन्त दानव से छुड़ाकर ले आये। इसी क्रम में रथ के झटके लगने के करण उर्वशी और पुरुरवा की भुजाएँ टकरा जाती है जिससे दोनों में प्रेम के अंकुर फुट आते हैं। आगे चलकर भरत मुनि के श्राप के कारण गंधमादन वन में उर्वशी लता वन जाती है । कुछ समयांतराल पुरुरवा एवम उर्वशी का गुप्त मिलन से आयु नामक एक पुत्र रत्न की प्राप्ति च्यवन ऋषि के आश्रम में होती है। उसके बाद देश की रक्षा के लिए आयु को राज्याभिषेक किया जाता है । कलाकारों में शैव्या सहाय, कुलसुम, धर्मवीर कुमार, करण पासवन , प्रेम कुमार, राकेश कुमार, नित्या सहाय , रिया गुप्ता, मुस्कान सिन्हा, अनुराधा श्रीवास्तव, निशांत कुमार, रमेंदु दत्ता, मुरलीधर महतो, सतीश पासवान है।
“विक्रमोर्वशीयम” नाटक को मिले पांच पुरस्कार
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