New Delhi news: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार का विरोध अब मुखर और हिंसक होने लगा है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग के परिसर में भीड़ ने तोड़फोड़ की। उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना की तैनाती का आह्वान किया और पड़ोसी देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की। दूसरी ओर हिंदू आध्यात्मिक नेता की रिहाई को लेकर साधु-संतों ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर किया जोरदार प्रदर्शन किया और आवश्यक सामान लाने और ले जाने वाले वाहनों को बार्डर पर रोक दिया।
बांग्लादेशी उच्चायोग में नाराज लोगों का हमला
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सोमवार को बांग्लादेश सहायक उच्चायोग के परिसर में तोड़फोड़ की गई। उधर केंद्र सरकार ने इस घटना पर अफसोस जाहिर किया है और राजधानी स्थित उच्चायोग और अन्य शहरों में स्थित बांग्लादेश के मिशनों की सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया है।
सोमवार को 50 से अधिक प्रदर्शनकारी अगरतला स्थित बांग्लादेशी उच्चायोग परिसर में घुस गए थे। अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त कार्यालय के निकट विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) से संबद्ध हिंदू संघर्ष समिति के बैनर तले एक रैली निकाली गई थी। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर बांग्लादेश सहायक उच्चायोग में तोड़-फोड़ की। वीएचपी के त्रिपुरा सचिव शंकर रॉय ने संवाददाताओं से कहा, “शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से, बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और हिंदू घरों पर हमले किए जा रहे हैं और व्यवसायों को लूटा जा रहा है।”
घटना अफसोसजनक : भारत
दूसरी ओर, विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि अगरतला में बंगलादेश सहायक उच्चायोग के परिसर में तोड़फोड़ की हुई घटना बेहद अफसोसजनक है। बयान में विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, “किसी भी परिस्थिति में राजनयिक और वाणिज्य दूतावास की संपत्तियों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।”
बयान में कहा गया कि सरकार नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग और देश में उनके उप/सहायक उच्चायोगों के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए कार्रवाई कर रही है। हालांकि कुछ दिनों पहले ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार से सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया था।