▪︎एनएसयूआई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में छात्रों को आगामी चुनौतियों पर हुई सविस्तार चर्चा
New Delhi News: भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शनिवार को यहां दो दिवसीय बैठक शुरू हुई। इस अवसर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के कई नेताओं और शीर्ष पदाधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किये और छात्रों को आगामी चुनौतियों के बारे में आगाह किया। राहुल गांधी ने अपने सम्बोधन के दौरान देश में युवा वर्ग और छात्रों की समस्याओं और लोकतंत्र पर बढ़ते खतरे पर चर्चा की।
राहुल गांधी ने कहा कि हम सभी एकजुट होकर छात्रों के हक और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे एनएसयूआई और छात्र आन्दोलन एक प्रगतिशील और सशक्त राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी के रूप में काम करते हैं। उन्होंने कहा कि यह गतिशील बैठक छात्र नेतृत्व को बढ़ावा देने और एक मजबूत, उज्ज्वल भारत के लिए एकजुट दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार के पास शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के खिलाफ भेदभाव पर कोई डेटा नहीं है। सामाजिक न्याय में एक कदम पीछे जब सरकार समस्या को मापने से भी इनकार करती है, तो हम बदलाव की उम्मीद कैसे कर सकते हैं ? शैक्षणिक संस्थानों में एससी-एसटी के साथ होने वाले भेदभाव को दूर करने में मोदी सरकार की अक्षमता उजागर होती है। बिना डेटा के समाधान कैसे हो सकता है ? यह विफलता हाशिये पर पड़े समुदायों के संघर्षों के प्रति उनकी उदासीनता को उजागर करती है। यह जवाबदेही और कार्रवाई का समय है।
एनएसयूआई प्रभारी कन्हैया कुमार और अध्यक्ष वरुण चौधरी ने भी रखे अपने विचार
इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष उदयभानु ने इस अवसर पर एनएसयूआई के साथ अपने प्रेरक सफर को साझा किया और राष्ट्र को आकार देने में छात्र आन्दोलनों की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में एनएसयूआई प्रभारी कन्हैया कुमार और एनएसयूआई अध्यक्ष वरुण चौधरी ने भी अपने विचार रखे।