Tell aviv news : ईरान के एक अक्टूबर को किए भीषण हवाई हमले का इजरायल ने अभी तक जवाब नहीं दिया है। इजरायल अभी खामोश है, इसका यह मतलब नहीं कि वो चुप रह जाएगा। इजरायल का इतिहास बताता है कि उसने हर हमले का मुंह तोड़ जवाब दिया है। हमास के पिछले साल सात अक्टूबर को किए अटैक और हिजबुल्लाह के इजरायली शहरों को दहलाने का इजरायल अब उसी की भाषा में जवाब दे रहा है। गाजा और लेबनान में जमकर नरसंहार हो रहा है। बुधवार को इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने ईरान पर हमले से पहले वायु सेना के अड्डे पर पहुंचकर जवानों के सामने हुंकार भरते हुए कहा कि ईरान पर जब हम हमले करेंगे तो दुनिया हमारी ट्रेनिंग और तैयारियों को समझ जाएगी।
इसरायल को मनाने में जुटे कई देश
गैलेंट के बुधवार को ईरान पर काउंटर अटैक को लेकर दिए भाषण ने दुनिया को एक बार फिर स्तब्ध कर दिया है। इजरायल पहले ही हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ दो मोर्चों पर जंग लड़ रहा है। ईरान के साथ भी सीधी लड़ाई से मध्य पूर्व पर बड़ा संकट मंडरा रहा है। अमेरिका समेत दुनियाभर के देश इजरायल को मनाने का प्रयास कर रहे हैं कि वो चुप रहे, लेकिन इजरायली सरकार के लगातार भड़कीले बयानों ने महायुद्ध की तारीख नजदीक ला दी है।
पहली अक्टूबर को ईरान ने इजरायल के कई शहरों पर 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं थीं
पहली अक्टूबर को ईरान ने इजरायल के कई शहरों पर 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं थीं, जिससे इजरायल के अधिकांश हिस्सों पर नुकसान की खबरें आईं। हालांकि इजरायल ने दावा किया था कि हमले का व्यापक नुकसान नहीं हुआ, ज्यादातर मिसाइलों को आयरन डोम ने नष्ट कर दिया था और कुछ जंगल में गिरे। हमले में एक शख्स की मौत की भी सूचना आई थी। ईरान ने इजरायल पर दागी मिसाइलों के बाद अपनी पीठ थपथपाई और कहा कि उसने हमास चीफ इस्माइल हानियेह और अपने ईरानी कमांडर की मौत का बदला लेने के लिए किया। इसी साल जुलाई महीने में तेहरान पहुंचे हानियेह की गेस्ट हाउस में बम धमाके से मौत हो गई थी। हानियेह जिस गेस्ट हाउस में रुके थे, वहां इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने दो साल पहले बम रखा था, जिसे ऐन वक्त पर उड़ा दिया।