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जनभावनाओं और जनआकांक्षाओं के अनुरूप करना है कार्य : राज्यपाल

जनभावनाओं और जनआकांक्षाओं के अनुरूप करना है कार्य : राज्यपाल

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▪︎झारखंड विधानसभा के छठे सत्र में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार का अभिभाषण हुआ

Ranchi News: झारखंड विधानसभा के छठे सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार का अभिभाषण हुआ। राज्यपाल ने सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए सबसे पहले सत्र में मौजूद सभी सदस्यों का स्वागत किया। इसके बाद संतोष गंगवार ने विधानसभा चुनाव जीत कर आये नवनिर्वाचित विधायकों को बधाई दी।
राज्यपाल ने कहा कि आप में से कई सदस्य पूर्व में भी विधानसभा के सदस्य रहे हैं, जबकि कई सदस्य पहली बार निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे हैं। इस विधानसभा में अनुभवी और नये सदस्यों का समागम हुआ है। सबको मिल कर जनादेश का सम्मान करते हुए जनभावनाओं और जनआकांक्षाओं के अनुरूप कार्य करना है। उन्होंने कहा कि जनता के कल्याण और राज्य के विकास के लिए पूरी लगन, निष्ठा और समर्पण से कार्य करना है। विधानसभा की आदर्श परम्पराओं और कीर्ति को आप सबको मिलकर आगे बढ़ाना है।

केन्द्र और राज्य के परस्पर सहयोग से ही राज्य की जनता का चहुंमुखी विकास सम्भव
राज्यपाल ने कहा कि केन्द्र और राज्य के परस्पर सहयोग से ही राज्य की जनता का चहुंमुखी विकास सम्भव है, इस अवधारणा के हम पक्षधर हैं। हमारी सरकार संघीय ढांचे की स्वस्थ परम्परा को आगे बढ़ाने का काम करेगी तथा भारत की गरिमामयी विरासत का सम्मान करते हुए कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना के अनुरूप जनहित के व्यापक कार्य करेगी। आप सभी के माध्यम से राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए गरिमामय और गौरवपूर्ण चर्चाओं का साक्षी बनेगा। यह सदन अपने विधायी कार्यों से झारखण्ड राज्य को प्रगति के शिखर तक ले जायेगा।

लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि, जन आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति के प्रतीक होते हैं
राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि, जन आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति के प्रतीक होते हैं। षष्ठम् विधानसभा की शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया की समाप्ति के बाद राज्य में एक मजबूत और स्थिर सरकार के गठन का जनादेश जनता ने दिया है। यह सरकार झारखंड की मूल चेतना के साथ समावेशी विकास का ध्येय लेकर आगे बढ़ेगी। हमारी सरकार बिना किसी द्वेष के वंचितों को विशेष महत्त्व देने के मानवीय सोच के साथ सबको उचित अधिकार, सबको सुरक्षा और हर द्वार तक समृद्धि पहुंचाने को प्रतिबद्ध है।

राज्य को प्रगति के उच्च शिखर पर ले जाने के लिए संकल्पित है
राज्यपाल ने कहा कि हमारी सरकार एक व्यापक दृष्टिकोण के साथ समाज के वंचितों, दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों एवं गरीबों की खुशहाली के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि सरकार शहीदों के त्याग और बलिदान को हृदय में आत्मसात करते हुए द्वेष, घृणा, अहंकार, प्रतिशोध से दूर रहने का प्रण लेकर कार्य करेगी। झारखंडी अस्मिता को केन्द्र में रख कर सजग, सुलभ, स्वच्छ, पारदर्शी और संवेदनशील प्रशासन के माध्यम से राज्य को प्रगति के उच्च शिखर पर ले जाने के लिए संकल्पित है।

राज्यपाल ने बतायीं राज्य सरकार की भावी योजनाएं

  • केन्द्र सरकार एवं उनकी कम्पनियों के पास पड़ा राज्य का बकाया 01 लाख 36 हजार करोड़ रुपये वापस लाने के लिए राज्य सरकार कानूनी रास्ता भी अपनायेगी।
  • हो, मुंडारी, कुडुख और अन्य जनजातीय भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की पहल की जायेगी।
  • सरकार आदिवासी-मूलवासी को स्थानीय नीति बना कर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में शत प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • पांचवीं विधानसभा ने सर्वसम्मति से पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, आदिवासी को 28 प्रतिशत और दलित को 12 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक एवं सरना-आदिवासी धर्म कोड को पारित कर स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार के पास भेजा है, जो अभी गृह मंत्रालय में लम्बित है। इस कार्यकाल में केन्द्र सरकार से इन विषयों को स्वीकृत कराने का हर सम्भव प्रयास किया जायेगा।
  • वर्षों से खासमहल एवं जमाबंदी की जमीनों पर रह रहे परिवारों को मान-सम्मान के साथ जीने का अधिकार देने के साथ-साथ गैरमजरूवा जमीन पर बसे रैयतों की भूमि, जिसकी रजिस्ट्री और रसीद काटने पर 2017 में रोक लगा दी गयी थी, उसे प्रारम्भ किया जायेगा।
  • राज्य में निबन्धित सभी पत्रकारों के लिए प्रशिक्षण, बीमा और पेंशन का अधिकार सुनिश्चित किया जायेगा।
  • सहारा इंडिया से पीड़ित राज्य के निवेशकों की लड़ाई सर्वोच्च न्यायालय से लेकर राज्य के हर न्यायालय और संसद से लेकर सड़क तक हर मोर्चे पर पूरी मजबूती से लड़ी जायेगी, जब तक राज्य के सभी निवेशकों का भुगतान न हो जाये।
  • राज्य के जिन सहारा पीड़ितों ने अपने प्राण गंवाये, याद दुःख-अवसाद में आत्महत्या करने को मजबूर हुए, उनके परिजनों को सरकारी स्तर पर आर्थिक सहयोग दिया जायेगा।
  • किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।
  • मनरेगा के तहत झारखंड के मजदूरों को भारत सरकार बहुत कम मजदूरी देती है। इस भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करने के साथ-साथ राज्य सरकार अपनी निधि से राज्य के मनरेगा मजदूरों को सहयोग करेगी, जिससे उन्हें न्यूनतम 350 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी मिल सके।
  • राज्य में अवस्थित विभिन्न नदियों एवं डैम के पानी का सदुपयोग करने के उद्देश्य से प्रारम्भ की गयी लिफ्ट इरिगेशन योजना को आगे बढ़ाते हुए 10,000 करोड़ रुपये की योजनाएं प्रारम्भ की जायेंगी।
  • राज्य भर में प्रखंड स्तर पर 500 सीएम स्कूल ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना करेंगे। सभी सीएम स्कूल ऑफ एक्सिलेंस में खेल शिक्षक एवं संगीत शिक्षक की नियुक्ति की जायेगी। साथ ही 4,500 पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालय प्रारम्भ किये जायेंगे।
  • राज्य में प्रत्येक प्रखंड में डिग्री कॉलेज एवं प्रत्येक अनुमंडल में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी।
  • राज्य में 10वीं कक्षा में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों को गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से जोड़ते हुए 15 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी।
  • सभी प्रखंडों और जिलों में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर लाइब्रेरी सह शिक्षा सहयोग केन्द्रों की स्थापना की जायेगी।
  • केजी क्लास से पीएचडी तक निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जायेगी।
  • मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 50 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।
  • राज्य में 60,000 पदों पर शिक्षकों, 15,000 पदों पर प्रधानाध्यापकों, विभिन्न कार्यालयों में 2,500 पदों पर लिपिकों और विभिन्न थानों में 10,000 पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की जायेगी।
  • क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 10,000 पदों पर भाषा शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी।
  • राज्य में मदरसा बोर्ड का गठन किया जायेगा।
  • राज्य में अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड एवं उर्दू अकादमी का गठन किया जायेगा।
  • राज्य सरकार की सभी नियुक्तियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत पद आरक्षित किये जायेंगे।
  • राज्य की सभी महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना के तहत सम्मान राशि के रूप में 2,500 रुपये हर महीने दिये जायेंगे।
  • आंगनबाड़ी सेविका, आंगनबाड़ी सहायिका, रसोईया, पोषण सखी, स्वास्थ्य सहिया, जल सहिया आदि के मानदेय में हमारी सरकार ने सम्मानजनक वृद्धि की है। इस कार्यकाल में इनके मानदेय में अन्य कर्मियों के अनुरूप वार्षिक वृद्धि की जायेगी।
  • राज्य में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी राखी मंडल की महिलाओं को 15,000 करोड़ रुपये का क्रेडिट लिंकेज उपलब्ध कराते हुए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे।
  • सक्रिय महिला, समन्वयक कार्यक्रम पदाधिकारी, जेएसएलपीएस से जुड़े सभी कर्मियों के मानदेय में अन्य कर्मियों के अनुरूप वृद्धि की जायेगी।
  • प्रत्येक ग्राम संगठन की 0 प्रतिशत ब्याज दर पर 15-15 लाख रुपये का क्रेडिट लिंकेज उपलब्ध कराया जायेगा।
  • राज्य के सभी जरूरतमंद परिवारों को 15 लाख रुपये के अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना से जोड़ा जायेगा।
  • राज्य के सभी गरीब व्यक्ति को प्रति महीने 07 किलोग्राम चावल और 02 किलोग्राम दाल उपलब्ध कराये जायेंगे।
  • अबुआ आवास योजना के तहत 25 लाख से अधिक गरीब परिवारों को सुविधायुक्त तीन कमरों का सुन्दर आवास चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध कराया जायेगा।
  • आंगनबाड़ी केन्द्रों और विद्यालयों के मध्याह्न भोजन में सभी बच्चों को प्रति दिन अंडा या फल दिया जायेगा।
  • रांची सहित राज्य के अन्य शहरों में वर्षों पूर्व बनाये गये घरों के नक्शों का नियमितीकरण किया जायेगा।
  • वन विभाग के अंतर्गत इको टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का निर्माण करते हुए राज्य के वन क्षेत्रों में पर्यटकों के लिए आवश्यक अवसंरचनाओं का निर्माण एवं संचालन किया जायेगा।
  • राज्य कर्मियों की पुरानी पेंशन को सुरक्षित रखते हुए उनके एनपीएस खाते में जमा राशि को केन्द्र सरकार से वापस लाने के लिए कदम उठाये जायेंगे।
  • राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में मेडल प्राप्त करने वाले खिलाडियों की सरकारी पदों पर सीधी नियुक्ति की जायेगी।
  • राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में बहुद्देशीय स्टेडियम सह खेल प्रशिक्षण केन्द्र के निर्माण के साथ-साथ प्रत्येक प्रमंडल में 1-1 स्पोर्ट्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण किया जायेगा।

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