Lucknow news, prayagraj news : मौनी अमावस्या को महाकुम्भ हादसे के बाद योगी सरकार मिशन मोड में काम कर रही है। सक्रियता बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। न्यायिक आयोग ने अपना काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार गुरुवार को प्रयागराज महाकुम्भ क्षेत्र पहुंच गए। इसके अलावा सीएम योगी ने अनुभवी वरिष्ठ आईएएस आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को प्रयागराज भेजने का निर्णय लिया है। इसके अलावा 5 विशेष सचिवों को भी महाकुम्भ भेजा जाएगा। व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए 7 आईएएस और पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को तैनात किया जाएगा।
न्यायिक आयोग आज करेगा घटना स्थल की जांच
महाकुम्भ हादसे की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया है। रिटायर्ड जज हर्ष कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच आयोग ने अपना काम शुरू कर दिया है। शुक्रवार को न्यायिक जांच कमेटी घटना स्थल का निरीक्षण करने प्रयागराज महाकुम्भ जाएगा। जांच आयोग में रिटायर्ड जज हर्ष कुमार के अलावा पूर्व डीजी वीके गुप्ता और पूर्व आईएएस डीके सिंह को सदस्य बनाया गया है।
गठित न्यायिक आयोग के सदस्य गुरुवार को 10 जनपथ लखनऊ स्थित अपने कार्यालय में पहुंचे थे। आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड जज हर्ष कुमार ने बताया कि हमसे एक महीने में रिपोर्ट सौंपने की अपेक्षा की गई है। शुक्रवार को सुबह स्थल निरीक्षण करेंगे। जांच में कितना समय लगेगा, ये भी निश्चित नहीं कह सकते हैं। हम जल्द से जल्द काम पूरा करने की कोशिश करेंगे। हर्ष कुमार ने कहा कि स्थल निरीक्षण जल्द से जल्द करना होगा, तभी हकीकत से ज्यादा वाकिफ होंगे। देर करने पर बहुत सारी चीजें उस ढंग से नहीं रह पाएंगी। स्थल निरीक्षण किये बिना कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
घायलों की हालत गंभीर नहीं : मुख्य सचिव
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार गुरुवार को प्रयागराज महाकुम्भ क्षेत्र पहुंच गए। दोनों शीर्ष अधिकारियों ने अन्य अफसरों के साथ घटना स्थल का निरीक्षण किया। मुख्य सचिव मनोज कुमार ने बताया कि 36 घायल लोग यहां भर्ती हैं। सभी का बहुत अच्छे से इलाज किया जा रहा है और उनके साथ आने वाले तीमारदारों के लिए भी व्यवस्था की गई है। ये लोग अलग-अलग जगहों के हैं। जैसे देवरिया, दिल्ली और बिहार। उनके परिवारों को सूचित कर दिया गया है। किसी की हालत गंभीर नहीं है, लेकिन उनमें से कुछ को फ्रैक्चर हुआ है, उन्हें ठीक होने में 3 सप्ताह तक का समय लगेगा, ऐसे 2-3 मामले हैं।
बसंत पंचमी को बेहतर व्यवस्था करेंगे : डीजीपी
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि हम यहां यह चर्चा करने आए हैं कि हम बसंत पंचमी ‘अमृत स्नान’ को कैसे अच्छे से आयोजित कर सकते हैं। हम भी उस स्थान पर पहुंचे, जहां यह घटना हुई थी और मेडिकल कॉलेज गए और उन लोगों से मिले, जिनका इलाज चल रहा है। यहां भर्ती कोई भी व्यक्ति गंभीर नहीं है, उनमें से कुछ को फ्रैक्चर हुआ है। हम बसंत पंचमी के लिए बेहतर व्यवस्था करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
मोर्चे पर आईएएस आशीष गोयल व भानुचंद्र गोस्वामी
हादसे के बाद अब महाकुम्भ में अनुभवी अनुभवी अधिकारियों को मोर्चे पर उतारा गया है। वरिष्ठ आईएएस आशीष गोयल और भानुचंद्र गोस्वामी समेत अन्य अधिकारियों को भी तत्काल प्रयागराज पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। ये सभी अफसर 12 फरवरी तक प्रयागराज में कैंप करेंगे और महाकुम्भ की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में सहयोग देंगे। आईएएस गोयल और गोस्वामी 2019 अर्धकुंभ में जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इसके अलावा विशेष सचिव स्तर के पांच अन्य अधिकारियों को भी प्रयागराज भेजने का फैसला लिया गया है। तीन पीसीएस अफसरों की भी तैनाती की गई है। इनमें प्रफुल्ल त्रिपाठी, प्रतिपाल सिंह चौहान और आशुतोष दुबे शामिल हैं। ये सभी 15 फरवरी तक मेला क्षेत्र में तैनात रहकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करेंगे।
फरवरी में तीन दिन बड़ी चुनौती
पहली को उपराष्ट्रपति, 5 को प्रधानमंत्री व 10 फरवरी को राष्ट्रपति आएंगी
हादसे के बावजूद महाकुम्भ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। प्रयागराज के चारों तरफ रास्ता जाम है। मेले में वीआईपी मूवमेंट को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक फरवरी को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 10 फरवरी को महाकुम्भ में आने वाले हैं। राज्य सरकार और मेला प्रशासन के लिए ये तीन दिन चुनौती भरे होंगे। हालांकि, देश के बड़े नेताओं के दौरे को लेकर उच्च स्तरीय तैयारी है, लेकिन हादसे के बाद वीआईपी मूवमेंट को सुचारू तरीके से लागू कराना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
वीआईपी प्रोटोकॉल पर सख्ती
अमृत स्नान व प्रमुख स्नान पर्वों पर और इसके समीप की तिथियों पर प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा। फैसला सख्ती से लागू होगा।
वसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि तथा उसके एक दिन पहले व एक दिन बाद तीर्थराज प्रयागराज में मूवमेंट के इच्छुक वीआईपी व वीवीआईपी डेलिगेशन को वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं मिल सकेगा।
वीआईपी व वीवीआपी मूवमेंट को लेकर एक सप्ताह पहले ही सूचना उपलब्ध करानी होगी।
वसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के स्नानों पर श्रद्धालुओं को प्रस्तावित भारी भीड़ के बीच लोगों से धैर्य बनाए रखने की विनती करते हुए इन तिथियों व इसके आसपास लोगों को इन तिथियों पर ऐहतियात बरतने की अपील
वीआईपी मूवमेंट के कारण हुई असुविधा, मार्ग परिवर्तन, बाधा और रोक से हटकर चिंतामुक्त होकर स्नान व यात्रा कर सकेंगे।