Kolakata News, crime news : जरा सोचिए कोई किसी को दफनाने जा रहा हो और वह जीवित हो उठे। और तो और यह स्थिति तब हो जब डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया हो और अस्पताल ने मृत्यु प्रमाण पत्र तक जारी कर दिया हो। ऐसे में हड़कंप के साथ-साथ बवाल मचना तय है। कुछ ऐसा ही हुआ बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिला स्थित घाटाल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में। अब इस मामले में पर्दे के पीछे का सच क्या है, यह तो जांच में ही स्पष्ट होगा। बहरहाल जानते हैं आखिर हुआ क्या था…
अस्पताल ने बताया जन्म के 20 मिनट बाद ही हो गई थी, और शिशु को लपेट दिया प्लास्टिक में
दरअसल, रसकुंडू इलाके की एक महिला ने शनिवार की दोपहर अस्पताल में एक शिशु को जन्म दिया था। इसके बाद शाम में अस्पताल की ओर से यह जानकारी दी गई कि जन्म के 20 मिनट बाद ही उसकी मौत हो गई है। इसके बाद अस्पताल की ओर से रात में उसका मृत्यु प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया गया। साथ ही शव को प्लास्टिक में बांधकर रख दिया गया। इधर, सारी प्रक्रिया पूरी होने में लगभग आठ घंटे बीत गए और जब परिजन रात में ही उसे दफनाने निकले तो प्लास्टिक से सांस लेने की आवाज सुनाई दी । कब्रगाह पहुंचने के पहले ही उसमें हलचल देख परिजन पुनः अस्पताल पहुंचे, जहां उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया, परंतु कुछ ही देर बाद उसकी मृत्यु हो गई। इससे नाराज परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाया ।
परिजनों का आरोप, अस्पताल ने बरती लापरवाही, दो जांच कमेटियां गठित
बहरहाल शिशु के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इधर, हो-हंगामे के बाद मौके पर पहुंचे स्वास्थ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने परिजनों के साथ अस्पताल में ही बैठक की और न्याय का भरोसा दिलाया। जिला मुख्य स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ सौम्य शेखर षाड़ंगी ने कहा कि जब समय से पहले ही उस शिशु का जन्म हो गया था, फिर उसकी मृत्यु कैसे हुई, इसे लेकर दो जांच कमेटियों का गठन किया गया है। जल्द ही रिपोर्ट आ जाएगी और सच भी। अगर गड़बड़ी पकड़ी जाती है तो कार्रवाई तय है।