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Gross Negligence : कुरियर कंपनी ने शव तक को बदल डाला और परिजनों ने…, आइए जानें

Gross Negligence : कुरियर कंपनी ने शव तक को बदल डाला और परिजनों ने…, आइए जानें

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Odisha News : कुरियर कंपनियों की गड़बड़ियों के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे कि उसे सामान कहीं और पहुंचाना था और उसने उसकी डिलीवरी कहीं और कर डाली। आपने सामान कुछ भेजा और आपके रिश्तेदारों तक पहुंचा कुछ और। खैर…, लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि किसी अथॉरिटी ने किसी व्यक्ति के शव को उसके गांव के पते पर भेजा हो, परंतु वह संबंधित पते पर न पहुंचकर किसी और के पते पर पहुंच गया हो। और तो और उस परिवार ने उस शव को अपने रिश्तेदार का शव समझकर उसका अंतिम संस्कार भी कर डाला हो। है न आश्चर्य वाली बात, लेकिन ओडिशा के अनुकूल में कुछ ऐसा ही हुआ है। आइए आप भी जानें गड़बड़ियों पर गड़बड़ी की यह कहानी।

राजस्थान का शव ओडिशा और ओडिशा का शव पहुंचा राजस्थान

मुंबई के एक निजी मोटर शोरूम में कार्यरत कटक के नेमलो थाना क्षेत्र के कुआंसला गांव निवासी विलास भुइयां की मौत बीमारी के कारण हो गई। इसके बाद मानवता का परिचय देते हुए संबंधित शोरूम के प्रबंधन ने उसका शव उसके पते पर भेज दिया। और तो और उस परिवार ने उस शव को अपने परिजन का शव समझकर अंतिम संस्कार तक कर डाला। इस बीच जब वास्तविक विलास का शव राजस्थान पहुंचा तो यह भेद खुला कि किसी न किसी स्तर पर बड़ी गड़बड़ी हुई है। चूंकि, शव मुंबई से राजस्थान पहुंचा था, संबंधित परिवार ने तत्काल इसकी सूचना मुंबई पुलिस को दी। पुलिस ने जब संबंधित कुरियर कंपनी से इंक्वायरी की तो शव के बदल जाने की गड़बड़ी का खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस ने नेमलो थाना से संपर्क किया और इस घटना की जानकारी दी। तब विलास के परिवार को इस गड़बड़ी की जानकारी मिली। आखिर विलास के परिवार ने भी ऐसी गड़बड़ी कैसे कर दी कि उसने उस शव को विलास का पार्थिव शव समझकर अंतिम संस्कार तक कर डाला। इस सवाल पर उस परिवार का दो टूक कहना है कि शव विकृत हो चुका था और कद- काठी बहुत हद तक विलास से मिलता-जुलता था, अंतिम संस्कार की गड़बड़ी इसी वजह से हुई। आगे क्या हुआ आइए जानें…

विलास का शव लेकर पहुंचा राजस्थान का परिवार और ले गया अपने स्वजन का अवशेष

इधर, कुरियर कंपनी की गड़बड़ी का पता लगने के बाद राजस्थान का संबंधित परिवार विलास का शव लेकर ओडिशा पहुंच गया, परंतु यहां तो उसके स्वजन का अंतिम संस्कार हो चुका था। फिर वह परिवार क्या करता,अपने स्वजन का अवशेष जो कि राख और हड्डियों के तौर पर कुछ हदतक मौजूद था, उसे लेकर राजस्थान के लिए रवाना हो गया, जहां उसने उसे अपने स्वजन का प्रतीक मान अंतिम संस्कार कर डाला।

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