Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

have a look here : इन्हें 78 साल का बुजुर्ग कहें या बच्चा, बैग टांगकर और ड्रेस पहन रोज जाते हैं स्कूल और…

have a look here : इन्हें 78 साल का बुजुर्ग कहें या बच्चा, बैग टांगकर और ड्रेस पहन रोज जाते हैं स्कूल और…

Share this:

Amazing news, Mizoram news, Mizoram update, National update, national news : कहते हैं पढ़ने-लिखने, सीखने और शौक पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती। कुछ इन्हीं बातों को चरितार्थ कर रहे हैं मिजोरम में रहने वाले 78 साल के लालरिंगथारा। लाल चम्फाई जिले के ह्रुआइकोन गांव में रहते हैं। लालरिंगथारा इस उम्र में रोज राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत हाई स्कूल में पढ़ाई करने के लिए तीन किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। अपनी शिक्षा पूरी करने के अपने लंबे समय के सपने को पूरा करने के लिए वे फिलहाल स्कूल की वर्दी पहनते हैं और किताबों से भरा बैग लेकर जाते हैं।

पिता की मृत्यु के बाद कक्षा दो तक की ही पढ़ सके

रिपोर्ट के अनुसार टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले समाचार को समझने और आवेदन लिखने के लिए लाल ने अपनी अंग्रेजी में सुधार करने के लिए कक्षा नौ में दाखिला लेने का फैसला किया। उनका जन्म साल 1945 में भारत-म्यांमार सीमा के पास खुआंगलेंग गांव में हुआ था। अपने पिता की असामयिक मृत्यु के बाद उन्हें कक्षा दो के बाद स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने खेतों में अपनी मां की मदद करके परिवार का पेट भरा। गरीबी और लगातार स्थानांतरण के कारण वो अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सके।

2018 में लिया कक्षा पांच में नामांकन

लालरिंगथारा इससे पहले 2018 में न्यू ह्रुआइकॉन मिडिल स्कूल में कक्षा पांचवीं में दाखिला लिया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उन्हें मिजो भाषा में पढ़ने या लिखने में कोई समस्या नहीं होती। हालांकि, शिक्षा के प्रति उनकी इच्छा अंग्रेजी भाषा सीखने को लेकर रही है। उनके अनुसार आजकल साहित्य में भी कुछ अंग्रेजी शब्द आते हैं, जो अकसर मुझे कन्फ्यूज कर देते हैं, इसलिए मैंने अपने ज्ञान को बेहतर बनाने के लिए ऐसा किया।

Share this: