Odisha News : ऐसा भी होता है। चोरी के नौ वर्ष बाद ही सही एक चोर को इतना पछतावा हुआ कि उसने मंदिर से चुराए जेवरात चुपचाप मंदिर में रखकर चला गया। चोर ने अपने किए पर पछतावा भी प्रकट और भगवान से लिखित तौर पर माफी भी मांग ली। उसने अपने माफीनामा में लिखा कि चोरी की इस घटना के बाद उसने बहुत कष्ट झेले। यह उसकी बड़ी भूल थी। चोर ने इस आशय का पत्र भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में स्थित गोपीनाथपुर गांव के गोपीनाथ भगवान के मंदिर में लिख छोड़ा है। मंदिर में चोरी की यह घटना 2014 की है।
दंड स्वरूप जुर्माना भी भरा, दक्षिणा भी चढ़ाया
चोर ने भगवान को पश्चाताप का पत्र ही नहीं लिखा, बल्कि दंडस्वरूप बतौर जुर्माना 101 रुपये भी भरे और बतौर दक्षिणा 201 रुपए का चढ़ावा भी चढ़ाया। चुराई गई ठाकुर की चांदी की बांसुरी, छाता, मुकुट, चांदी की आंखें, प्लेट, घंटियां आदि सभी भी वापस कर दी। बहरहाल, इस घटना की चर्चा संबंधित क्षेत्र में जोरों पर है। चोरी की इस घटना की शिकायत तब ग्रामीणों ने लिंगराज थाने में की थी। काफी प्रयास के बावजूद पुलिस चोर को नहीं ढूंढ पाई थी।
चोर ने जो लिखा, पुजारी ने जो बताया
चोर ने ठाकुर के गहने चुराने के बाद आई कठिनाइयों के बारे में लिखा है कि उसे इस बीच कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा । इन नौ वर्षों में, मैंने बहुत सारी समस्याओं का सामना किया है। इधर, नौ साल बाद भगवान के गहने वापस मिलने पर गांव में खुशी की लहर है। ये गहने एक यज्ञ के दौरान तब चुरा लिए गेट जब पुजारी पास के एक मंदिर में गए थे। मंदिर के पुजारी कैलाश पंडा के अनुसार चोर ने पत्र में दावा किया है कि उसे भगवान से इस अपराध के लिए बहुत सजा मिली है।