Doctor (चिकित्सक) इस धरती के भगवान कहे जाते हैं, क्योंकि टूटती सांसों को भी रोकने की उनमें क्षमता है। हर तरह के रोग का इलाज उनके पेशे का मूल है, मगर वे इससे पढ़कर भी हैं। माउंट एवरेस्ट फतह डॉक्टर भी कर सकते हैं। ऐसा गुजरात के एक डॉक्टर दंपती कर दिखाया है। कपल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला पहला भारतीय डॉक्टर कपल बन गया है। साथ ही एक अन्य भारतीय पर्वतारोही ने बिना ऑक्सीजन सिडेंलर के दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से को फतह कर लिया है। नेपाल के स्थानीय मीडिया ने इसकी जानकारी दी है।
पर्यावरण संरक्षण का मैसेज
गुजरात के डॉ. हेमंत ललितचंद्र लेउवा और उनकी पत्नी डॉ. सुरभिबेन हेमंत लेउवा 13 मई को सुबह करीब 8:30 बजे माउंट एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी जो 8,849 मीटर पर है, के शिखर पर थे। इस दंपती ने पर्यावरण को बचाने के संदेश के साथ माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ाई की। हेमंत NHL म्युनिसिपल मेडिकल कॉलेज में सर्जरी के प्रोफेसर हैं। वहीं उनकी पत्नी सुरभिबेन गुजरात विद्यापीठ में मुख्य चिकित्सा अधिकारी हैं।
लद्दाख के रिगजिन ने रचा इतिहास
लद्दाख के एक पर्वतारोही स्कालजांग रिगजिन (Skalzang Rigzin) ने भी इतिहास रचा है। वह बिना ऑक्सीजन सिलिंडर की मदद के दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से पर चढ़े, जिसकी ऊंचाई करीब 8,516 मीटर है। बता दें कि इससे पहले रिगजिन ने 28 अप्रैल को अन्नपूर्णा पर्वत पर चढ़ाई की। उन्होंने 16 दिनों में दो चोटियों पर चढ़कर कमाल कर दिया है। खास बात यह है कि दोनों बार उन्होंने ऑक्सीजन सिलिंडर का इस्तेमाल नहीं किया। बता दें कि इससे पहले नेपाली शेरपा महिला लक्पा ने 12 मई को दुनिया की सबसे ऊंची एवरेस्ट चोटी को सर्वाधिक बार फतह करने का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया था।