Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news, Wanted to ban new criminal laws, know what the Supreme Court did… :कभी-कभार जनहित याचिका के नाम पर कुछ ऐसा कर गुजरने की चाहत पेन करने लगती है कि उसका रिजल्ट बड़ा बुरा साबित होता है। देश के नए आपराधिक कानून को लेकर भी ऐसा ही एक मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। नए आपराधिक कानूनों को लागू करने से रोकने की मांग पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने याचिका को सुनने से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि IPC, CrPC और एविडेंस एक्ट की जगह लाए गए कानूनों को संसद में जरूरी बहस के बिना पास किया गया है। इस कारण सुप्रीम कोर्ट एक विशेषज्ञ कमिटी बनाए, जो इन कानूनों की व्यावहारिकता की जांच करे।
सुप्रीम कोर्ट में दिखाई सख्ती
जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने याचिका को बिना सही अध्ययन के दाखिल करार दिया। कोर्ट के रुख को देखते हुए याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने याचिका वापस ले ली। जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने कहा, “याचिका पर यदि आप बहस करते हैं तो हम जुर्माना लगा कर इसे खारिज कर देंगे, लेकिन आप इसे वापस ले रहे हैं तो हम जुर्माना नहीं लगा रहे हैं।”
पिछले साल नए कानून पर राष्ट्रपति ने लगाई थी मुहर
पिछले साल सदन से भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक को पारित किया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इन विधेयकों पर अपनी मुहर लगा दी थी। ये तीनों कानून भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।