This is amazing brother amazing, for the first time cataract operation was done on this animal…, hariyana news, up update, up news, up top news : उम्र ढलने के साथ जब आंखों की रोशनी में असंतुलन आता है। ठीक से दिखाई नहीं पड़ता है, तो इंसान को मोतियाबिंद का ऑपरेशन करना पड़ता है। यहां तो बंदर मामा का मोतियाबिंद ऑपरेशन कराया गया है, क्योंकि पता चला कि उनकी आंखों से ठीक से दिखाई नहीं पड़ रहा है। यह घटना उप्र के हरियाणा जिले की है। जिले के हिसार में एक बंदर का सफेद मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। लगभग एक घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद बंदर की आंखों की रोशनी लौट आई। हिसार स्थित लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (एलयूवीएएस) के अनुसार हरियाणा में पहली बार किसी बंदर के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया है।
बिजली के झटके लगने से हो गया था घायल
बताया जाता है कि बिजली के झटके से जलने के बाद बंदर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एलयूवीएएस में ‘पशु शल्य चिकित्सा और रेडियोलॉजी’ विभाग के प्रमुख आर एन चौधरी ने कहा कि बिजली के झटके से जले बंदर को हंसी के पशु प्रेमी मुनीश ने बचाया और उसका इलाज कराया। उन्होंने बताया कि जलने के कारण शुरुआती दिनों में बंदर चलने-फिरने में असमर्थ था। कई दिनों के उपचार के बाद जब वह चलने लगा तब डाक्टरों ने पाया कि बंदर देख नहीं पा रहा है। इसके बाद बंदर को इलाज के लिए एलयूवीएएस के ‘सर्जरी’ विभाग में ले जाया गया। विश्वविद्यालय की पशु नेत्र इकाई में जांच के बाद डॉ प्रियंका दुग्गल ने बताया कि बंदर की दोनों आंखों में सफेद मोतियाबिंद हो गया था। एक आंख में विट्रस भी क्षतिग्रस्त हो चुका था इसलिए दूसरी आंख की सर्जरी की गई और सर्जरी के बाद बंदर देखने लगा।
सफल ऑपरेशन से सर्जरी टीम को खुशी
बंदर की आंख की लौटी रोशनी देखकर मुनीष और उसके साथियों ने सर्जरी टीम का धन्यवाद किया। डॉ. प्रियंका व उनकी टीम भी सर्जरी की सफलता से काफी उत्साहित है। कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा, डीन डॉ. गुलशन नारंग व अनुसंधान निदेशक डॉ. नरेश जिंदल ने सफलतापूर्वक मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए टीम सर्जरी को बधाई दी एवं भविष्य में पशु चिकित्सा एवं पशु कल्याण में और नए आयाम स्थापित करने का संदेश दिया है।