Guru-shishya tradition tainted again : यह कहना गलत नहीं होगा कि कुछ मायनों में ही सही गुरु-शिष्य की पवित्र परंपरा को दागदार करने वालों की संख्या इन दिनों बढ़ती जा रही है। देश के विभिन्न हिस्सों से इस रिश्ते को कलंकित करने के किस्से आ रहे हैं। बहरहाल, छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले का बागबाहरा प्रखंड स्थित एक स्कूल इन दिनों सुर्खियों में है, वह इसलिए क्योंकि यहां के तीन शिक्षक छात्राओं को पोर्न वीडियो दिखाते थे, उनसे मालिश करवाते थे, शराब पीते थे औऱ छेड़छाड़ करते थे। इस बीच उन सभी ने 24 से 27 फरवरी के जब सारी हदें पार कर दीं तो छात्राएं भड़क उठीं। फिर क्या हुआ समाज के इन कालेधब्बों के साथ, आपको जानना चाहिए…
शिक्षकों को देवदूत की तरह पूजते थे ग्रामीण, आखिर क्यों
दरअसल, जंगलों से आच्छादित इस गांव में कोई शिक्षक आना ही नहीं चाहता था। इस बीच जब ये त्रिदेव आएं तो ग्रामीण इन्हें देवदूत की तरह पूजने लगें, परन्तु देवदूत के वेश में ये भेड़िये निकले। पदस्थापन के कुछ ही दिनों बाद ये छात्राओं के साथ अश्लील हरकत पर उतर आए। अभिभावकों तक जब यह बात पहुंची। उन्होंने शिक्षकों को बुलाया और उन्हें समझाया, वह सिर्फ इसलिए कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। इसके बाद लगभग चार महीनों तक वे शांत रहे, परंतु फिर पुराने ढर्रे पर आ गए। इससे क्षुब्ध अभिभावकों ने थाने का घेराव कर दिया, फिर क्या हुआ आगे पढ़ें…
हुए निलंबित,कई तरह की धाराएं लगीं, भेजे गए जेल
स्कूल की आधा दर्जन छात्राओं की शिक़ायत पर गंभीर पुलिस प्रशासन ने शिक्षकों के साथ सख्त कार्रवाई की। जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल, पोर्न वीडियो दिखाने, मासिक धर्म और अंतर्वस्त्र के बारे में प्रश्न करने आदि के आरोप में विविध धाराओं के तहत गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया। इधर, शिक्षा विभाग ने भी कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया।