Where has humanity gone: When the distressed sons did not give the sheep a feast, the mother’s dead body remained lying there for three days, Odisha news, mayurbhanj news : मानवता को झकझोर कर रख देनेवाली एक घटना ओडिशा के मयूरभंज जिले के शामाखूंटा प्रखंड अंतर्गत तेलबिला गांव से आई है। यहां जबरदस्त आर्थिक तंगी झेल रहे दो बेटों ने ग्रामीणों को भेड़ की दावत नहीं दी तो ग्रामीणों ने उसकी मां का शव उठने नहीं दिया। शव तीन दिनों तक यूं ही पड़ा रहा और जब उससे दुर्गंध उठने लगी और मामला पुलिस तक पहुंचा तो दोनों पक्षों की बैठक हुई, फिर क्या हुआ…आगे पढ़िए…
शव के दाह संस्कार में मदद से इन्कार
दरअसल, तेलबिला गांव निवासी 70 वर्षीय सोमवारी सिंह की शनिवार की दोपहर मौत हो गई थी। गांव की परंपरा के अनुसार सोमवारी के दो बेटों डाक्टर सिंह और चंदन सिंह को ग्रामीणों को भेड़ की दावत देनी थी। परंतु, अर्थाभाव का हवाला देकर बेटों ने असमर्थता जताई तो ग्रामीणों ने सोमवारी के शव के दाह संस्कार में मदद करने से इन्कार कर दिया।
अंततः संपत्ति बेचकर देनी पड़ी लोगों को दावत
ग्रामीणों की जिद पर छोटा बेटा चंदन भेड़ लाने की बात कहकर बारीपदा गया, परंतु भेड़ की व्यवस्था नहीं हो सकी। इस बीच बड़े बेटे ने भी भेड़ देने में स्वयं को असमर्थ बताया।
उधर, ग्रामीण भी दावत की जिद पर अड़े रहे। इस जिद के बीच तीन दिनों तक शव घर में ही पड़ा रहा। पुलिस ने दोनों बेटों और ग्रामवासियों के साथ चर्चा की। ग्रामवासी यहां भी बिना दावत के सहयोग नहीं करने की जिद पर अड़े रहे। अंतत: बेटों ने घर की संपत्ति बेचकर ही सही, दावत देने पर राजी हुए, तब जाकर सोमवारी का अंतिम संस्कार किया गया।