Central Cabinet यानी केंद्रीय मंत्रिमंडल 26 February को लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन यानी जीवन बीमा निगम (LIC) में “स्वचालित मार्ग” के तहत फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 20 % तक की अनुमति देने के लिए FDI नीति में संशोधन को मंजूरी दे दी। यह प्रस्तावित इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) से पहले आया है, जो भारतीय पूंजी बाजार में अब तक का सबसे बड़ा होने की उम्मीद है।
एलआईसी अधिनियम 1956 में संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “एफडीआई नीति में बदलाव एलआईसी में 20 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की सुविधा के लिए पर्याप्त है।” एलआईसी अधिनियम, 1956 में संशोधन की आवश्यकता नहीं है। उद्योग के अनुमानों के अनुसार, सरकार को वित्त वर्ष 22 के लिए अपने 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रस्तावित शेयर बिक्री से 63,000-66,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है। एलआईसी ने अभी तक आईपीओ की कीमत की घोषणा नहीं की है, बाजार का अनुमान है कि यह प्रति शेयर 2,000-2,100 रुपये होगा।
मौजूदा पूंजी निवेश नीति में बड़ा बदलाव
मौजूदा एफडीआई नीति एलआईसी में विदेशी निवेश के लिए कोई विशेष प्रावधान निर्धारित नहीं करती है, जिसे एलआईसी अधिनियम, 1956 के तहत स्थापित किया गया है। एलआईसी के लिए एफडीआई की सीमा अब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बराबर कर दी गई है। सरकार ने पिछले साल बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दी थी, लेकिन इसमें एलआईसी को शामिल नहीं किया गया था जो एक विशिष्ट कानून द्वारा शासित है।