National update, Modi government decision, electronic item, laptop, tablet, computer, server: भारत सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। मोदी सरकार की ओर से एक अधिसूचना जारी कर गुरुवार को यह जानकारी दी गई। विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि उपर्युक्त सभी वस्तुओं के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब ऐसे किसी भी आयात के लिए लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी। अपवाद के रूप में प्रति खेप सिर्फ एक ऐसे उत्पाद के आयात की छूट दी जाएगी। सरकार के इस कदम से एपल, डेल और सैमसंग जैसी कंपनियों को झटका लगना तय माना जा रहा है। भारत सरकार के इस कदम से पेपर डेल और सैमसंग जैसी कंपनियों को भारत में अपना विनिर्माण बढ़ाने के लिए लाचार होना पड़ेगा। देश में मौजूदा नियम उपर्युक्त कंपनियों को स्वतंत्र रूप से लैपटॉप आयात करने की अनुमति देते हैं, लेकिन सरकार की नई अधिसूचना के मुताबिक इन उत्पादों के लिए एक विशेष लाइसेंस को अनिवार्य किया जाएगा। क्या प्रतिबंध भी वैसा ही है, जैसा की 2020 में देश में टीवी के शिपमेंट के निर्यात पर लगाया गया था।
हर नए मॉडल के लिए ग्राहकों को करना पड़ेगा इंतजार
भारतीय बाजार के जानकारों का कहना है कि लाइसेंसिंग व्यवस्था का मतलब होगा कि हर नए लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर के मॉडल के लिए अब ग्राहकों को लंबा इंतजार करना पड़ेगा। गौरतलब है कि भारत में अगले कुछ महीनों में फेस्टिव सीजन शुरू हो जाएगा। फेस्टिव सीजन में भारत में इन उत्पादों की बिक्री बढ़ जाती है। ऐसे में आयात पर रोक का असर कीमतों पर भी पड़ेगा। कुछ इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद महंगे भी हो सकते हैं। डीजीएफटी द्वारा जारी अधिसूचना में हालांकि इस कदम का कोई कारण नहीं बताया गया है, पर माना जा रहा है कि मोदी सरकार अपनी “मेक इन इंडिया” योजना के तहत स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना चाहती है इसलिए उसने आयात पर सख्ती बरतने का फैसला किया है। अगर स्थानीय स्तर पर सरकार की मंशा के अनुरूप इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का विनिर्माण शुरू हो जाता है तो देर से ही सही पर कीमतों में नरमी से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
देश का इलेक्ट्रॉनिक्स आयात 19.7 अरब डॉलर रहा
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स आयात जिसमें लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर शामिल हैं। यह अप्रैल से जून की अवधि में 19.7 अरब डॉलर था, जो गत वर्ष की तुलना में 6.25 प्रतिशत अधिक है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर भारत के कुल वार्षिक आयात का लगभग 1.5 प्रतिशत है। इसमें से करीब आधा चीन से आयात होता है। बताते चलें कि एपल के कई आईपैड और डेल के लैपटॉप स्थानीय रूप से निर्मित होने के बजाय देश में आयात किए जाते हैं। सरकार के इस फैसले का मकसद भारी मात्रा में आयात किए जाने वाले उत्पादों के स्थान पर स्थानीय स्तर पर उत्पादित प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देना है। मोदी सरकार के इस फैसले पर हालांकि एपल, डेल और सैमसंग जैसी दिग्गज कंपनियों ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। भारत में जिन कंपनियों के सबसे ज्यादा लैपटॉप और कंप्यूटर आयात किए जाते हैं, उनमें उपर्युक्त तीनों कंपनियों के अलावे एसर, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, लेनोवो और एचपी जैसी कंपनियां भी शामिल हैं।