Modi Government abolished windfall tax on crude oil : केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को खत्म कर दिया है। अभी तक कच्चे तेल पर सरकार 3,500 रुपये प्रति टन विंडफॉल टैक्स वसूल रही थी। यह कटौती आज से प्रभावी हो गई है। सरकार ने जुलाई माह में कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लगू किया था।
अब देश में उत्पादन कर विदेश में बेचना संभव नहीं
प्राइवेट रिफाइनर कच्चे तक का जो उत्पादन भारत में करते थे, उसे वह फायदे के लिए विदेश में बेचना चाहते थे। इसे रोकने के लिए सरकार ने विंडफॉल टैक्स लागू कर दिया था। ऐसे में भारत से कच्चा तेल विदेश भेजना महंगा हो गया था। जानकारी के लिए बता दें कि कच्चे तेल को जमीन और समुद्र से बाहर निकालकर रिफाइन किया जाता है। बाद में इससे पेट्रोल व डीजल सहित एविएशन टर्बाइन फ्यूल जैसे ईंधन में बदला जाता है।
सरकार ने डीजल पर भी विंडफॉल टैक्स को घटा दिया है। अभी तक डीजल पर सरकार 1 रुपये प्रति लीटर का विंडफॉल टैक्स वसूल रही थी। अब इसे घटा कर 50 पैसे प्रति लीटर कर दिया गया है।
1 जुलाई 2022 में लगा था यह टेक्स
रॉयटर्स के अनुसार, विंडफॉल टैक्स पर बदलाव हर दो हफ्ते के तेल की कीमत के आधार पर किया जाता था। भारत सरकार ने पहली बार विंडफाॅल टैक्स 1 जुलाई 2022 में लगाया था। उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का एक्सपोर्ट्स शुल्क भी लगाया जाता था।
कुछ समय पहले फिक्की ने यह टेक्स खत्म करने की मांग की थी
कुछ समय पहले उद्योग मंडल फिक्की ने सरकार से घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर (विंडफॉल टैक्स) को समाप्त करने की मांग की थी। उद्योग मंडल का कहना था कि इस तरह का टैक्स निवेश आधारित तेल एंड गैस सेक्टर को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। देश ने पहली बार पिछले साल 1 जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसके साथ भारत उन देशों में शामिल हो गया था जो ऊर्जा कंपनियों के सामान्य से अधिक मुनाफे पर टैक्स लगाते हैं।