World Bank (विश्व बैंक) ने 6 अक्टूबर को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था (Economy) के ग्रोथ रेट का अनुमान जारी किया है। विश्व बैंक के अनुसार, भारत की अर्थव्यस्था की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 में 6.5 प्रतिशत रहेगी। विश्व बैंक ने जून में जो वृद्धि दर अनुमानित की थी उसमें 1 प्रतिशत की गिरावट की है। बैंक ने वृद्धि दर को घटाने का कारण वैश्विक परिस्थितियों को बताया है। इसमें घरेलू नीतियों का कम हाथ नहीं है। विश्व बैंक ने यह भी कहा है कि भारत दुनिया के कुछ अन्य देशों की तुलना में मजबूत हो रहा है। यह हमारी इकोनॉमी में आशा जगाने वाला पक्ष भी है।
RBI ने भी घटाया है GDP
भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक विकास के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया था। आरबीआई ने अप्रैल में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.8 प्रतिशत के अपने पहले के अनुमान से घटाकर 7.2 प्रतिशत किया था।
पिछले हुई थी साल 8.7 प्रतिशत की वृद्धि
भारत ने पिछले साल कोरोना के प्रभावो से निपटते हुए 8.7 प्रतिशत के दर से वृद्धि की थी। दक्षिण एशिया में विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री हैंस टिमर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने दक्षिण एशिया के अन्य देशों की तुलना में अच्छा प्रदर्शन किया है। कोविड के बाद से भारत की अर्थव्यस्था में मजबूत उछाल दिखा है। उन्होंने कहा कि भारत ने अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया है।