National news : भारत के साथ- साथ दुनिया के कई देशों में रसौली गैस की कीमतों में उछाल देखने को मिल रही है। इस बीच वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने घरेलू गैस की कीमतों को लेकर बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि वैश्विक ऊर्जा संकट के कारण गैस महंगी हो चुकी है। इससे निजात पाने के लिए अब एक बार फिर दुनिया कोयले की ओर मुखातिब हो रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि पश्चिमी के देश फिर से कोयले की ओर लौटने में लगे हैं।
पश्चिमी दुनिया के देश कोयले की ओर बढ़ रहे आगे
गौरतलब है कि इस समय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की बैठकों में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी गयी हुई हैं। उन्होंने वहां शनिवार को पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहां है कि वर्तमान ऊर्जा संकट के कारण पश्चिम के देश विकल्प के तौर पर एक बार फिर से कोयला की ओर लौट रहे हैं। ऑस्ट्रिया ने तो यह बात पहले ही कह दी थी कि वह ऊर्जा के विकल्प के रूप में कोयले का इस्तेमाल करेगा।
प्राकृतिक गैस में कटौती
बताते चलें कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए हैं। इस कारण यूरोप को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में तेजी से कटौती की गई है। ऐसी स्थिति में उनके लिए वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों की खोज जरूरी हो गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन में भी एक पुराने ताप-बिजली संयंत्र को उत्पादन के लिए फिर से तैयार किया जा रहा है।
दिन प्रतिदिन बढ़ रहा गैस का खर्च
सीतारमण ने कहा है कि ब्रिटेन वास्तव में खुद को एक ताप इकाई के लिए फिर से तैयार कर रहा है। इस तरह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कई देश कोयले की ओर वापसी कर रहे हैं। कोयला का दौर अब फिर से वापस आने वाला है, क्योंकि मुझे लगता है कि गैस का खर्च अब उठाया नहीं जा सकता है या गैस उतनी मात्रा में मौजूद नहीं है, जितनी जरूरत है। उन्होंने कहा कि यूरोप ने सही निर्णय लिया है और यदि उन्हें जरूरत के अनुसार गैस नहीं मिल रही है तो अन्य स्रोतों की तलाश करनी ही होगी।