Your Money Making Decisions Make your Life Happy : हमारी परंपरा में यह कहा जाता है कि धन की देवी लक्ष्मी चंचल होती हैं। कहीं टिकती नहीं हैं। बात यह है कि मां लक्ष्मी को आपको अपने घर में टिकाए रखने के लिए कुछ गुर तो आने चाहिए। कमाई करने के साथ मनी को मैनेज करने के कुछ ट्रिक्स हैं, जो आपकी जेब को हमेशा भारी बनाए रख सकते हैं। इनकी जानकारी सबके पास होनी चाहिए। आज के समय में पैसे से पैसा बनाने के लिए आपको स्मार्ट बनना होगा और उसके लिए हाई रिस्क वाले निवेश या बैंक में बड़ी मात्रा में पैसा जमा करने की आवश्यकता नहीं है। ये काम कुछ खास ट्रिक्स कर सकते हैं। तो चलिए, आज करते हैं इसकी चर्चा।
अपने लिए बचाएं पैसा
जब भी आपको अपनी तनख्वाह मिले, तो सबसे पहले आपको जो काम करना चाहिए, वो यह कि सैलेरी का एक हिस्सा अपने लिए बचत के रूप में रख लें। आप एक अलग बचत खाता बनाकर या अपने माता-पिता के खाते में ये पैसे अलग रख सकते हैं। समय के साथ बचत का एक नियमित हिस्सा एक बड़ी राशि में तब्दील हो जाएगा।
वित्तीय लक्ष्य जरूर तय करें
पैसा सही तरीके से खर्च करना चाहिए। इसलिए वित्तीय लक्ष्य तय करना बहुत ही जरूरी है। वित्तीय रूप से सुरक्षित बनने के लिए आपके पास शॉर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म के लिए अलग-अलग वित्तीय लक्ष्य होने चाहिए। यदि आप किसी खास चीज़ को पाने की दिशा में काम नहीं कर रहे हैं, तो आपको अपनी अपेक्षा से अधिक खर्च करने की संभावना है। यानी बेवजह खर्च कर सकते हैं। वित्तीय लक्ष्य आपके प्रमुख फोकस क्षेत्र होना चाहिए। इससे आप एक्स्ट्रा और फालतू पैसा नहीं खर्च होगा।
फाइनेंशियली एजुकेट बनें
पैसा कमाना एक बात है, लेकिन इसे बचाना और पैसे से पैसा बढ़ाना दूसरी बात है। फाइनेंशियल मैनेजमेंट और निवेश आजीवन वाली कोशिश है। फाइनेंशियली एजुकेशन में पर्सनल फाइनेंस को कुशलतापूर्वक मैनेज करने और अपने खुद के इंडिविजुअल फाइनेंस के बारे में उचित, शिक्षित निर्णय लेने में सक्षम होना शामिल है। फाइनेंशियली एजुकेशन के कई फायदे हैं। इनमें खर्च करने की बेहतर आदतें डेवलप करना, बचत खाते का वैल्यू समझना, फाइनेंस के बारे में अधिक प्रभावी ढंग से कम्युनिकेट करने में सक्षम होना, बेहतर वित्तीय निर्णय लेना आदि शामिल हैं।
उच्च-ब्याज लोन से बचें
उच्च-ब्याज वाले क्रेडिट विकल्प जैसे कार्ड और सर्विसेज, अक्सर सामान्य से बहुत अधिक खर्च करने की वजह बन जाते हैं, जो अंततः खराब लोन का एक साइकिल बना सकता है। क्रेडिट को लॉन्ग टर्म नजरिये से देखा जाना चाहिए और उच्च ब्याज दर पर उपलब्ध क्रेडिट कार्ड और योजनाएं अक्सर भ्रामक होती हैं और इन्हें लेने वाले फंस जाते हैं। इसलिए बेहतर है कि इस तरीके के लोन से बचें।
सैलेरी बढ़ाने पर दें ध्यान
मनी मैनेजमेंट के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण नियमों में से एक है, अपनी कमाई बढ़ाने पर ध्यान देना। दूसरे आपको अपना जीवन स्तर अपनी कमाई से कम रखना चाहिए। जैसे-जैसे आप अपने करियर में आगे बढ़ेंगे और अधिक अनुभव प्राप्त करेंगे, तो सैलेरी भी उसी तरह बढ़नी चाहिए। तीसरी चीज है कि जल्द से जल्द रिटायरमेंट की तैयारी शुरू करें। 50 साल की उम्र में रिटायरमेंट के काम को अंजाम देने की शुरुआत कर दें।