National News, Income Tax Saving, Know Process, Do Some things : 1 अप्रैल से 2023 24 का नया वित्तीय वर्ष शुरू हो चुका है अब इनकम टैक्स चुकाने का प्रोसेस भी लोग शुरू करेंगे उसकी तैयारी में लोग लग चुके होंगे लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें इनकम टैक्स को बचाने के उपायों को जानना समझना चाहिए जब हम इनकम टैक्स बचाएंगे तभी तो इस साल कुछ एक्स्ट्रा खरीद पाएंगे। तो आज जानते हैं इनकम टैक्स सेल करने के प्रोसेस को।
अब शुरू होने वाला है इंक्रीमेंट का सीजन
इंक्रीमेंट का सीजन भी बस शुरू होने वाला है। वेतन में वृद्धि खुशी देती है है। लेकिन, वेतन में वृद्धि हमेशा ही हाई टैक्स की परेशानी के साथ आती है। इसको उदाहरण से समझें, तो अगर आपको इनकम 10 लाख रु है और इसमें 20 प्रतिशत की वृद्धि मिलती है तो फिर व्यक्ति का जो टैक्स स्लैब है, यह 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत में बदल जाता है। 10 लाख रु के 20 प्रतिशत स्लैब की लिमिट से ऊपर 2 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत एक्स्ट्रा टैक्स की देनदारी होगी।
इनकम और सेविंग को करें पुनर्गठित
ऐसे में अगर आप टैक्स की देनदारी को कम करना चाहते है, तो फिर इसके लिए अपनी सेविंग और इनकम को पुनर्गठित करने की जरूरत होगी, ताकि लगभग सभी उपलब्ध टैक्स की छूट और कटौती का इस्तेमाल किया जा सके और अधिकतम टैक्स की बचत की जा सके। इसके लिए आप निम्न कदम को उठा सके है और टैक्स में छूट पा सकते हैं।
सीटीसी में बदलाव का लाभ समझे
कई सारी कंपनियां होती है, जो फाइनेंशियल ईयर के शुरू में ही अपने कर्मचारियों को सीटीसी में बदलाव करने की परमिशन देती हैं। अगर आपकी भी कंपनी है जो आपको ऐसा विकल्प देती है, तो फिर आप खुद को ज्यादा टैक्स कुशल अनुलाभों में शामिल करें। इसके लिए आप अपनी सैलरी का पुनर्गठन करें। इनमें कई सारी चीजें शामिल है। जैसे इंटरनेट बिल, टेलीफोन बिल की प्रतिपूर्ति शामिल है। इसके साथ ही इसमें फूड कूपन, ईंधन और यात्रा व्यय, समाचार पत्र बिल शामिल हैं। जब से जीएसटी लागू हुआ है, उसके बाद से कार लीज के ऑप्शन ने अपना आकर्षण खो दिया है, लेकिन पेट्रोल, चालक का वेतन, बीमा और रखरखाव अभी भी लाभदायक है।
बहुत सारी कंपनियां हैं, जिनके तरफ से अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाला फायदा एक बिना पॉलिश किया हुआ एक हीरा है। एनपीएस में रखे गए जो मूल वेतन है, इसका धारा 80सीसीडी(2) 10 फीसदी तक टैक्स मुक्त है। फिर भी बमुश्किल 10 प्रतिशत कर्मचारी हैं, जिन्हें इसके फायदे की पेशकश की गई है। उन कर्मचारीयों ने इस लाभ का ऑप्शन का चयन किया है। भले ही एनपीएस जो टैक्स को काफी कम कर सकता है, लेकिन एनपीएस लागत के मामले में म्युचुअल फंड से बेहतर है और यह रिटर्न के मामले में दूसरी रिटायरमेंट सेविंग ऑप्शन से एक अच्छा विकल्प है।
एनपीएस से मिलती है अधिक मदद
अगर कोई टैक्सपेयर है जो खुद इस स्कीम में इन्वेस्ट करता है, तो एनपीएस ज्यादा टैक्स की सेविंग करने के लिए टैक्सपेयर की काफी अधिक सहायता करता है। धारा 80सीसीडी(1बी) के तहत एनपीएस में निवेश के लिए 50 हजार रु की अतिरिक्त कटौती है। यह इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत स्वीकृत 1 लाख 50 हजार रुपये की कटौती के अतिरिक्त है। अगर आप टैक्स की बचत करना चाहते हैं और इसके लिए टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं, तो फिर आपको टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट को करने के लिए फाइनेशियल ईयर के आखिरी के कुछ महीने की राह नहीं देखना चाहिए। अगर आप ईएलएसएस फंड में निवेश करने का सोच रहे है, तो फिर आपको अप्रैल के महीने से ही एसआईपी करना शुरू कर देना चाहिए।