Reserve Bank of India ( RBI) ने इंडियन करेंसी रुपये में इंनवाइसिंग, भुगतान और आयात या निर्यात के सेटलमेंट के लिए एक अतिरिक्त सिस्टम बनाने का निर्णय लिया है। RBI का यह कदम ऐसे समय में आया है, जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की वजह से भारतीय मुद्रा पर दबाव बढ़ रहा है और डॉलर की तुलना में यह अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है।
उपयोग के पहले लेनी होगी आरबीआई की अनुमति
रुपये में ट्रेड सेटलमेंट करने की सुविधा के इस कदम से भारत को उन आदेशों को बायपास करने की भी अनुमति मिलेगी, जिसमें अमेरिकी डॉलर जैसी इंटरनेशनल करेंसी का उपयोग कुछ आर्डर के लिए नहीं किया जा सकता है, जैसे कि फिलहाल अमेरिका ने रूस के साथ डॉलर के माध्यम से कुछ भी आयात-निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है। 11 जुलाई को आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और अधिकृत बैंकों को रुपया ट्रेड सेटलमेंट मैकेनिज्म का उपयोग करने से पहले आरबीआई की अनुमति लेनी पड़ेगी।