Success Speaks, A youth Anubhav started Tea Caffe and present Time known as Crorepati : यह मानने में कोई बुराई नहीं है कि किस्मत साथ दे तो गरीब भी धनवान बन सकता है, पर इसके साथ मेहनत के महत्व को दरकिनार नहीं किया जा सकता। किसी के बेटा-बेटी आईएएस-आईपीएस अधिकारी बनकर तो किसी के डॉक्टर- इंजीनियर बनकर सफलता की कहानियां गढ़ते हैं, लेकिन आज हम एक ऐसे बेटे की कहानी आपको बता रहे हैं, जिसने चाय बेचकर करोड़पति बनने के सपने को हकीकत बनाया है। उसका नाम है अनुभव दुबे। उसके के माता-पिता का भी सपना हर माता-पिता के तरह ही था कि मेरा बेटा भी बहुत पढ़ाई करे और कलक्टर बने। अनुभव कलेक्टर नहीं बना, मगर वो सफल तो जरूर है। अनुभव और उनके दोस्त ने मिलकर एक कैफे की शुरुआत की। इसका नाम चाय सुट्टा बार रखा। आज इसका वार्षिक टर्न ओवर 100 करोड़ रुपये से भी अधिक का है। चलिए जानते हैं अनुभव की सफलता की कहानी।
क्या चाहते थे अनुभव के पिता
अनुभव के पिता ने एक सपना देखा था कि मेरा बेटा अच्छी शिक्षा प्राप्त करेगा और कलक्टर बनेगा। अनुभव कलक्टर नहीं बन पाया। कॉलेज की दोस्ती के दिनों में आनंद नायक उसके एक अच्छे दोस्त बन गए थे। अनुभव और आनंद साथ ही पढ़ते थे। जब कॉलेज खत्म हुआ, तो आनंद अपने रिश्तेदार के साथ बिजनेस करने लगा था।
3 लाख की लागत से शुरू किया बिजनेस
अनुभव बिजनेस करना चाहता था, मगर अपने पिता की वजह से यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली जाना पड़ा। कुछ वर्ष बीते, फिर एक दिन अनुभव को आनंद का फोन आया। इसके बाद बिजनेस के सपने फिर से ताजा हो गए । दोनों ने बिजनेस में सेटल होने का सोचा और दोनों दोस्तों ने वर्ष 2016 में 3 लाख रुपये की लागत से 1 चाय की दुकान खोली।
रिश्तेदार उड़ाते थे मजाक, मगर सफलता ने सबको चौंका दिया
शुरू में घर में भी रिश्तेदार उसका मजाक उड़ाते थे। इस बीच चाय सुट्टा बार से बेहतर रिस्पॉन्स मिला। आज के समय में दोनों का सालाना टर्न ओवर 100 करोड़ रुपये से भी अधिक का है। आज उनका बिजनेस देश के 15 राज्यों में 165 आउटलेट्स तक पहुंच गया हैं। आनंद और अनुभव ने 250 से अधिक कुम्हारों को रोजगार भी दिया है।