Health tips : सुन्दरता को बनाये रखना तथा इसे और बेहतर बनाना मनुष्य के ही हाथ में है। सौन्दर्य वृद्धि के लिए कोई जरूरी नहीं है कि कृत्रिम एवं महंगे संसाधनों का प्रयोग किया जाये। प्राकृतिक रूप से भी सौन्दर्य को बढ़ाया जा सकता है। सौन्दर्यवर्द्धन में सब्जी और फलों का सर्वाधिक योगदान है। सौन्दर्य प्रसाधनों को प्रयोग करने के बजाय कुदरती प्रजीवक तत्त्व, हरी पत्तेदार सब्जियां या फलों का इस्तेमाल बेहतर परिणाम देता है।
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हरी सब्जी और फलों का ज्यादा सेवन करें
हरी सब्जी और फलों का व्यवहार करने से रक्त संचालन बढ़ता है। त्वचा के रंग में ज्यादा निखार आता है। त्वचा के टिश्यू मजबूत बनते हैं। सिकुड़ी हुई त्वचा में कसाव आता है। सुन्दरता बढ़ाने में टमाटर, नीम्बू, ककड़ी, संतरा आदि ज्यादा सहायक हैं। इनका रस त्वचा पर लगाने से टॉनिक जैसा काम करता है। हरी पत्तियां वाली सब्जियां खाने से खून तो शुद्ध होता ही है, कब्ज भी दूर होती है और शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ता है। सब्जी और फल प्रकृति द्वारा प्रदत्त ऐसी अनुपम भेंट हैं, जो हमारे सौन्दर्य में चार चांद लगाने में पूर्णत: सक्षम हैं। सौन्दर्य बढ़ाने में व्यायाम का भी कम महत्त्व नहीं है। नियमपूर्वक रोज निर्धारित समय तक व्यायाम करने से बदन सुडौल व सुन्दर बनता है। चर्बी नहीं बढ़ती, स्नायु के साथ हृदय और फेफड़े मजबूत होते हैं। फलत: शरीर आकर्षक और सुन्दर दिखता है।
तन-मन की सुन्दरता के लिए निद्रा भी जरूरी
नींद पूरी न हों, तो सौन्दर्य बढ़ने के बजाय नष्ट होने लगता है। कम नींद की वजह से चेहरा निस्तेज व थका-थका सा लगता है। आंखों के नीचे काले धब्बे हो जाते हैं। स्वभाव में चिड़चिड़ापन भी आ जाता है। रात में सोने से पहले दूध का सेवन करने से अच्छी नींद आती है। सौन्दर्य बढ़ाने के लिए नींद की तरह हंसना भी जरूरी है। खुल कर हंसने और हंस कर आस-पास का वातावरण प्रसन्न रखनेवाले व्यक्ति का वृद्धत्व आने पर भी स्वास्थ्य व सौन्दर्य बना रहता है। हंसने से चेहरे के स्नायु को कसरत मिलती है। फलस्वरूप चेहरा कांतिमय बना रहता है। हंसमुख व्यक्ति के चेहरे पर झुर्रियां भी बहुत कम पड़ती हैं। सौन्दर्य वृद्धि में अच्छे-बुरे विचारों की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। ईर्ष्या, दुख, क्रोध, ग्लानि आदि का भाव सुन्दर व्यक्ति को भी असुन्दर बना देता है। अतः, सौन्दर्य प्रसाधनों की अपेक्षा प्राकृतिक रूप से ही हम अपना सौन्दर्य बढ़ायें, तो वह जीवन काल तक बना रह सकता है। सौन्दर्य प्रसाधनों का प्रभाव क्षणिक होता है और वह विपरीत परिणाम देनेवाला भी साबित हो सकता है, इसलिए हंसना अत्यन्त आवश्यक है।