Bihar (बिहार) में हाजीपुर के एक्यूट एन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) पीड़ित 5 साल के बच्चे की जान 13 अप्रैल को मुजफ्फरपुर के अस्पताल में चली गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे को 11 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 12 अप्रैल को उसे AES पीड़ित होने की पुष्टि हुई थी। मृतक कुंदन कुमार हाजीपुर के एकहारा सराय निवासी बबलू महतो का पुत्र था।
जांच में शुगर लेवल गिरने के कारण एआईएस होना पाया गया था
जांच रिपोर्ट में हाइपोग्लाइसीमिया (शुगर लेवल गिर जाना) के कारण एईएस होना पाया गया था। यह इस साल एसकेएमसीएच में एईएस से दूसरी मौत है। एसकेएमसीएच में अभी एईएस संदिग्ध पांच अन्य बच्चे भर्ती हैं। इस साल अब तक 12 बच्चों में एईएस की पुष्टि हो चुकी है। इनमें चार बच्चे मुजफ्फरपुर के हैं। इन बच्चों में से 10 को डिस्चार्ज किया जा चुका है।
राज्यस्तरीय टास्क फोर्स बनी
AES पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने राज्यस्तरीय टास्क फोर्स बनाई है। टास्क फोर्स मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर दरभंगा, सीवान, गोपालगंज, मोतिहारी , बेतिया, सारण और शिवहर में एईएस पर होने वाले कामों की निगरानी करेगी। विभाग ने जिलों को इस संबंध में पत्र भेजा है।
जिला स्तरीय टीम से समन्वय रखेगी राज्य स्तरीय टीम
पत्र में कहा गया है कि राज्यस्तरीय टीम जिला स्तरीय टीम से समन्वय स्थापित करेगी। स्वास्थ्य मुख्यालय ने प्रमंडल स्तरीय टास्क फोर्स बनाने के लिए भी कहा है। राज्यस्तरीय टास्क फोर्स के मुखिया मुख्य सचिव होंगे। टास्क फोर्स में 14 लोग रखे गए हैं। जिला स्तरीय टास्क फोर्स के अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे। टास्क फोर्स जुलाई तक हर 15 दिन पर बैठक कर एईएस की समीक्षा करेगी और इसकी रिपोर्ट राज्यस्तरीय टास्क फोर्स को देगी।
प्राइवेट डॉक्टरों को भी दी जाएगी ट्रेनिंग
AES से निपटने के लिए जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने ग्रामीण क्षेत्रों में निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को भी ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्थाएं प्रखंडों में जाकर डॉक्टरों को ट्रेनिंग देंगी। इसके लिए शेड्यूल तैयार कर किया गया है।