Corona (कोरोना) वायरस चीन से निकलकर पूरी दुनिया में फैल गया और कोरोना महामारी ने सब को अपनी चपेट में ले लिया। उसके कई वैरिएंट समय-समय पर आते रहे और डाउन होते रहे, लेकिन समाप्त अभी तक नहीं हुए हैं।जहां इनका असर कम है, वहां भी कभी भी बड़ा असर दिखा सकते हैं और भविष्य में यह भी मान लेना चाहिए कि यह अभी समाप्ति से बहुत दूर है। तबाही फैलने की आशंका बनी हुई है। इसलिए पूरी दुनिया को अभी भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अप्रैल को आसपास कहा है कि कोविड-19 एक स्थानिक बीमारी बनने से बहुत दूर है और अभी भी यह दुनिया भर में बड़ी महामारी पैदा कर सकता है।
नहीं पहुंचे हैं Endemic स्थिति के करीब
के आपात निदेशक (Emergency director) माइकल रयान ने कहा कि यह सोचना भी गलत होगा कि अगर कोविड-19 थम जाए और स्थानिक हो जाए, तो इसका मतलब समस्या का अंत हो गया।
रयान ने डब्ल्यूएचओ के सोशल मीडिया चैनलों पर एक लाइव सवाल-जवाब सत्र में बताया, “मुझे निश्चित रूप से इस बात पर भरोसा नहीं है कि हम इस वायरस के साथ एक स्थानिक स्थिति के करीब पहुंच गए हैं।”
बड़ी महामारी पैदा करने में सक्षम
उन्होंने कहा कि अभी कोरोना ऐसा नहीं हुआ है कि यह किसी विशेष मौसम में ही फैले। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह किसी भी मौसमी पैटर्न या ट्रांसमिशन पैटर्न में नहीं बदला है, और “अभी भी काफी अस्थिर है और बड़ी महामारी पैदा करने में सक्षम है।” उन्होंने कहा, “यह अभी तक एक स्थानिक बीमारी नहीं बना है।” उन्होंने तपेदिक (टीबी) और मलेरिया को स्थानिक रोग बताया जो अभी भी हर साल लाखों लोगों की जान ले रहे हैं। रयान ने कहा, “अभी इस बात पर यकीन मत करो कि कोरोना एक स्थानिक बीमारी के बराबर हो गया है, या इसका असर हल्का है या कोई समस्या नहीं है। ऐसा बिल्कुल नहीं है।” कोई भी बीमारी स्थानिक तब होती है, जब दुनिया की जनसंख्या में इसकी उपस्थिति और सामान्य प्रचलन बना रहता है, लेकिन यह महामारी के मुकाबले बेहद सीमित रहता है।
एरिया और टीवी एंडेमिक बीमारी
कोई भी बीमारी का प्रकोप स्थानिक या एंडेमिक तब होता है, जब यह लगातार मौजूद होती है लेकिन एक विशेष क्षेत्र तक सीमित होती है। उदाहरण के लिए, मलेरिया को कुछ देशों और क्षेत्रों में स्थानिक बीमारी माना जाता है। इसके अलावा चिकनपॉक्स यानी चेचक, टीबी भी एक स्थानिक बीमारी है। इसी तरह कहा जा रहा है कि एक समय कोरोना भी स्थानिक बीमारी बनकर रह जाएगा और इसका प्रकोप बेहद सीमित होगा।