New Delhi news : भारत के लोगों के जीवन पर महामारी कोविड के प्रभाव का कई तरह से अध्ययन किया गया है। इस बीच आई एक रिपोर्ट ने हलचल पैदा कर दी है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज किया है। अकादमिक जर्नल साइंस एडवांस में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। इसमें कहा गया है कि 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान भारत में लोगों की उम्र में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
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केंद्र सरकार ने क्यों किया खारिज
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अध्ययन के अनुमानों को “अस्थिर और अस्वीकार्य” कहकर खारिज कर दिया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2019 से 2020 तक जीवन प्रत्याशा यानी लाइफस्पैन में 2.6 साल की कमी देखी गई, जिसमें मुस्लिम और अनुसूचित जनजाति (एसटी) जैसे सामाजिक रूप से वंचित समूहों को सबसे गंभीर प्रभाव का सामना करना पड़ा। अध्ययन में ये दावा किया गया कि पुरुषों (2.1 वर्ष) की तुलना में महिलाओं में अधिक गिरावट (3.1 वर्ष) देखी गई है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी आलोचना की है। मंत्रालय ने कहा है कि सिर्फ 14 राज्यों के 23 प्रतिशत परिवारों का विश्लेषण कर ये अनुमान कैसे लगाया जा सकता है।
आंकड़ों पर उठाया सवाल
सरकार ने उम्र और लिंग संबंधी मृत्यु दर में वृद्धि पर अध्ययन के निष्कर्षों का भी विरोध किया। आधिकारिक आंकड़ों से संकेत मिलता है कि पुरुषों और अधिक आयु समूहों में कोविड-19 मृत्यु दर अधिक थी, जो अध्ययन के इस दावे का खंडन करता है कि युवा व्यक्तियों और महिलाओं में मृत्यु दर अधिक थी। मंत्रालय ने कहा, प्रकाशित रिपोर्ट में ये असंगत और अस्पष्ट परिणाम इसके दावों पर विश्वास को और कम कर देते हैं।